शेयर बाजार

Stock Market: सात हफ्ते दौड़कर हांफ गया बाजार, विश्लेषकों ने बताई सूचकांकों में गिरावट की वजह

सेंसेक्स 242 अंक चढ़कर 71,107 पर बंद हुआ और निफ्टी भी 94 अंक ऊपर जाकर 21,349 पर थमा। मगर इस हफ्ते दोनों सूचकांकों में 0.5 फीसदी की गिरावट देखी गई।

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सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- December 22, 2023 | 9:34 PM IST

लगातार सात हफ्ते से चढ़ रहे भारतीय शेयर बाजार के सूचकांक तकनीकी कंपनियों के दम पर आज भी ऊपर गए मगर दिन के अंत में सोमवार के आंकड़े से नीचे बंद हुए। सेंसेक्स 242 अंक चढ़कर 71,107 पर बंद हुआ और निफ्टी भी 94 अंक ऊपर जाकर 21,349 पर थमा। मगर इस हफ्ते दोनों सूचकांकों में 0.5 फीसदी की गिरावट देखी गई।

इससे पहले सात हफ्तों में सेंसेक्स 12 फीसदी उछला था और निफ्टी में 12.6 फीसदी बढ़त दर्ज की गई थी। दिसंबर, 2020 के बाद यह पहला मौका रहा, जब सूचकांक लगातार सात हफ्ते चढ़ते रहे।

शेयर बाजार में सात हफ्ते तक बढ़त कई कारणों से रही। दुनिया भर में दर कटौती की बढ़ती उम्मीद, मजबूत वृहद आर्थिक आंकड़े, कच्चे तेल में नरमी और हालिया विधानसभा चुनावों के नतीजों से केंद्र में नीतियां अपरिवर्तित रहने की आस ने बाजार को खूब सहारा दिया। मगर लगातार बढ़त के बाद मुनाफावसूली को इस हफ्ते बाजार में गिरावट की वजह बताया जा रहा है।

अवेंडस कैपिटल ऑल्टरनेट स्ट्रैटजीस के मुख्य कार्य अधिकारी ऐंड्रयू हॉलैंड ने कहा, ‘थोड़ी मुनाफावसूली रही मगर पिछले कुछ समय के मुकाबले उतार-चढ़ाव ज्यादा रहा। साल के आखिर में आम तौर पर ऐसा होता ही है क्योंकि लोग कुछ रकम निकालना चाहते हैं।’

अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यूआर भट्ट ने कहा कि इतनी लंबी तेजी के बाद थोड़ी मुनाफावसूली आम बात है। उन्होंने कहा, ‘बाजार लंबे अरसे तक एक ही दिशा में नहीं चलता। काफी अरसा बीतने पर बेशक यह फायदे में दिखे मगर यह दोनों दिशाओं में चला होगा। लाल सागर में हो रहे हमलों ने फिक्र बढ़ाई है और इस बात की भी चिंता है कि कहीं मंदी न आ जाए। बेशक पहले जैसी गहरी चिंता नहीं है मगर ऐसी घटनाएं फिक्र तो बढ़ाती हैं।’

शेयरों की कीमतों पर भी निवेशकों की नजर है। मिड और स्मॉल कैप शेयरों की कीमतें ज्यादा लग रही हैं और इस साल की तेजी, कोविड के मामलों में इजाफे, बैंकों तथा एनबीएफसी के लिए ऑल्टरनेट इन्वेस्टमेंट फंडों (एआईएफ) की इकाइयों में निवेश के पहले से सख्त कायदे के कारण चिंता बढ़ी है।

एआईएफ में निवेश के कायदों में भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल में सख्ती बरती है, जिसके बाद इस हफ्ते बैंकों तथा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के शेयर धड़ाम हो गए। निफ्टी बैंक इंडेक्स इन पांच दिनों में 1.4 फीसदी गिरा और निफ्टी फाइनैंशियल सर्विसेज इंडेक्स में 1.5 फीसदी गिरावट आई। कोविड का नया वेरिएंट आ गया है, जिसके कारण पिछले 24 घंटों में सक्रिय संक्रमण के 328 मामले आए हैं।

बहरहाल भारत की आर्थिक बुनियाद मजबूत है और इस साल मजबूत ही रहेगी। मगर हॉलैंड ने कहा, ‘तस्वीर ऐसी ही रहेगी मगर इसका मतलब यह नहीं है कि बाजार और ऊपर नहीं चढ़ सकते।’

आज 2,638 शेयर चढ़कर बंद हुए और 1,396 लुढ़के। सेंसेक्स के दो-तिहाई से अधिक शेयर चढ़े। इन्फोसिस 1.7 फीसदी, एलऐंडटी 1.5 फीसदी तथा एचसीएल 2.8 फीसदी बढ़े और सेंसेक्स की उछाल में इनका सबसे अधिक योगदान रहा। न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता नियमों में छूट मिलने के कारण एलआईसी का शेयर 3.7 फीसदी चढ़ा।

एक्सचेंजों से मिली अंतरिम जानकारी के मुताबिक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 2,829 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की। मगर पूरे हफ्ते में एफपीआई ने 1,514 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीद की और दिसंबर में उन्होंने 44,740 करोड़ रुपये की शुद्ध लिवाली की।

First Published : December 22, 2023 | 9:34 PM IST