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Share Market Crash: इन 3 कारणों से धड़ाम हुआ बाजार, निवेशकों के एक झटके में ₹8 लाख करोड़ साफ

Share Market Crash: ब्रॉडर मार्केट्स में भी कमजोरी देखने को मिली। निफ्टी मिडकैप इंडेक्स में 1.35% और निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स में 1.55% की गिरावट दर्ज की गई।

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जतिन भूटानी   
Last Updated- June 13, 2025 | 10:36 AM IST

Share Market Crash: भारतीय शेयर बाजारों में शुक्रवार (13 जून) को जोरदार गिरावट देखने को मिली। इज़राइल के ईरान पर किए गए अचानक हवाई हमले ने निवेशकों को चौंका दिया। इस खबर की वजह से बीएसई सेंसेक्स 1337 अंक की बड़ी गिरावट के साथ शुरुआती कारोबार में 80,354.5 के निचले स्तर तक लुढ़क गया। दूसरी ओर, निफ्टी50 इंडेक्स 415 अंकों की गिरावट के साथ 24,500 के नीचे फिसलते हुए 24,473 के स्तर तक पहुंच गया।

ब्रॉडर मार्केट्स में भी कमजोरी देखने को मिली। निफ्टी मिडकैप इंडेक्स में 1.35% और निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स में 1.55% की गिरावट दर्ज की गई। सभी सेक्टोरल इंडेक्स आज लाल निशान में नजर आए। निफ्टी ऑटो, निफ्टी पीएसयू बैंक और निफ्टी मेटल इंडेक्स में करीब 1.5% की गिरावट रही।

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Share Market Crash: शुक्रवार, 13 जून को गिरावट की वजह?

1. इजराइल ने शुक्रवार को ईरान पर हमला कर दिया। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के अनुसार, इस अभियान में “ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम के मुख्य भाग” को निशाना बनाया गया। इसमें नतांज परमाणु सुविधा और प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक शामिल थे।

ऐसे समय में जब रूस-यूक्रेन के बीच तनाव जारी है और हाल ही में यह और भी बढ़ गया है, इजराइल-ईरान संघर्ष बाजारों के लिए एक नया झटका है। भू-राजनीतिक तनाव निवेशकों के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय बन गया है।

बाजार के जानकारों का कहना है कि तनाव और बढ़ सकता है तथा मिडिल ईस्ट में एक बड़े संघर्ष का रूप ले सकता है। नेतन्याहू ने कहा कि ईरान के खिलाफ आक्रमण “जितने दिनों तक आवश्यक होगा, जारी रहेगा।

2. मिडिल ईस्ट से सप्लाई में व्यवधान की चिंताओं के बीच ईरान-इजरायल संघर्ष के हमले के बाद डब्ल्यूटीआई क्रूड और ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 10 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हुई। दुनिया के सबसे बड़े कच्चे तेल आयातकों में से एक भारत विशेष रूप से कमजोर है। तेल की कीमतों में तेज उछाल देश फिस्कल के लिए अच्छी खबर नहीं है। इससे महंगाई का दबाव फिर से बढ़ा सकता है, जो हाल ही में कम हो रहा है।

3. भू-राजनीतिक तनाव के चलते जापान का निक्केई इंडेक्स 1.16 फीसदी गिर गया। जबकि टॉपिक्स इंडेक्स में 1 फीसदी से अधिक की गिरावट रही। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.67 फीसदी टूटा और ऑस्ट्रेलिया का ASX 200 इंडेक्स 0.17 फीसदी फिसल गया।

ऑस्ट्रेलिया के एसएंडपी/एएसएक्स 200 में 0.23 प्रतिशत की गिरावट आई। हांगकांग के हैंग सेंग इंडेक्स में 0.98 प्रतिशत की गिरावट आई। जबकि मेनलैंड चीन के सीएसआई 300 में 0.78 प्रतिशत की गिरावट आई। प्री-मार्केट ट्रेडिंग में अमेरिकी फ्युचारस भी डूब गया। नैस्डैक कंपोजिट फ्यूचर्स 374 अंक या 1.7 प्रतिशत गिरा, जबकि एसएंडपी 500 फ्यूचर्स 1.6 प्रतिशत गिरा। डॉव जोन्स फ्यूचर्स भी 1.47 प्रतिशत कम हुआ।

निवेशकों के 2 मिनट में 8 लाख करोड़ डूबे

बाजार खुलते ही निवेशकों की संपत्ति 8 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा घट गई। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप (Mcap) गुरुवार को बाजार होने के बाद 450,52,928 करोड़ रुपये था। जबकि शुक्रवार बाजार खुलते ही 9:17 बजे यह 442 लाख करोड़ रुपये आ गया। इस तरह, निवेशकों की वेल्थ दो मिनट में 8 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा घट गई।

First Published : June 13, 2025 | 10:12 AM IST