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F&O में हेरफेर रोकने को SEBI ने उठाया बड़ा कदम, ओपन इंटरेस्ट के नियमों में बदलाव

घोषित किए गए आठ मुख्य उपायों को जुलाई और दिसंबर के बीच अलग-अलग तारीखों पर लागू किया जाएगा और प्रत्येक उपाय को एक ग्लाइड पाथ के माध्यम से लागू किया जाएगा।

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खुशबू तिवारी   
Last Updated- May 29, 2025 | 10:23 PM IST

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने गुरुवार को डेरिवेटिव सेगमेंट में बड़े बदलाव के तहत ओपन इंटरेस्ट (ओआई) और मार्केट वाइड पोजीशन लिमिट (एमडब्ल्यूपीएल) की गणना के लिए एक नया फॉर्मूला पेश किया। इन बदलावों का मकसद जोखिम की बेहतर निगरानी करना, वायदा एवं विकल्प (एफऐंडओ)की प्रतिबंध अव​धि में प्रवेश करने वाले शेयरों की फ्रीक्वेंसी कम करना और इंडेक्स ऑप्शंस में हेरफेर के जोखिम दूर करने के लिए बढ़ाई गई निगरानी पर बेहतर तरीके से नजर रखना है।

इन बदलावों का प्रस्ताव सेबी ने एक परामर्श पत्र में किया था। प्रस्तावों ने इस चिंता को बढ़ा दिया था कि इनसे कारोबारी गतिवि​​धियां और घट सकती हैं। पहले से ही एफऐंडओ कारोबार अपने ऊंचे स्तर से 30 प्रतिशत नीचे है। हालांकि उद्योग के साथ व्यापक चर्चाओं के बाद सेबी ने मुख्य प्रस्तावों में संशोधन किया था।

घोषित किए गए आठ मुख्य उपायों को जुलाई और दिसंबर के बीच अलग-अलग तारीखों पर लागू किया जाएगा और प्रत्येक उपाय को एक ग्लाइड पाथ के माध्यम से लागू किया जाएगा। ओपन इंटरेस्ट कारोबारियों की गतिवि​धियां और रुझान मापने के लिए महत्त्वपूर्ण है जबकि एमडब्ल्यूपीएल एग्रीगेट ओपन इंटरेस्ट या अनुबंध पर निर्धारित सीमा है।

First Published : May 29, 2025 | 10:06 PM IST