शेयर बाजार

Q4FY24 Preview: फार्मा सेक्टर के मार्जिन को मिलेगा बढ़ावा, एबिटा में होगी 22 से 30 फीसदी बढ़ोतरी

विश्लेषकों को यह भी उम्मीद है कि इस तिमाही में लागत दबाव में कमी जारी रहेगी। इस कारण पिछले साल के मुकाबले मार्जिन में मदद मिलेगी।

Published by
सोहिनी दास   
Last Updated- April 11, 2024 | 10:54 PM IST

विश्लेषकों का अनुमान है कि फार्मा कंपनियां वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में पिछले साल की तुलना में 14 से 15 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि दर्ज करेंगी। घरेलू कारोबार में वृद्धि और अमेरिका में कीमत में हल्की कमी के लाभ से ऐसा होगा।

कई ब्रोकरेज फर्मों का अनुमान है कि एबिटा वृद्धि पिछले साल के मुकाबले 22 से 30 प्रतिशत के आसपास रहेगी। इस बीच चूंकि चौथी तिमाही स्वास्थ्य सेवा और डायग्नोस्टिक कंपनियों के मामले में सीजन के लिहाज से बेहतर होती है, इसलिए पिछले साल की तुलना में अस्पतालों और डायग्नोस्टिक कंपनियों का राजस्व कुल मिलाकर 13 से 15 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है जबकि एबिटा 25 प्रतिशत तक या उससे ज्यादा बढ़ सकता है।

नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का कहना है कि जेनेरिक रेवलिमिड (मल्टीपल मायलोमा के इलाज में इस्तेमाल) से नैटको, जाइडस लाइफसाइंसेज, सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज, डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज (डीआरएल), अरबिंदो जैसी कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा। विश्लेषकों ने यह भी अनुभव किया है कि अमेरिकी बाजार में कीमतों में हल्की गिरावट से अरबिंदो जैसी जेनेरिक कंपनियों को फायदा होगा।

साथ ही इस तिमाही के दौरान घरेलू कारोबार में पिछले साल की तुलना में 11 प्रतिशत तक की वृद्धि की उम्मीद है, इसलिए भारतीय बाजार में दमदार मौजूदगी रखने वाली टॉरंट फार्मा और सन फार्मा जैसी कंपनियों को उनके पुराने पोर्टफोलियो और बिक्री वृद्धि से लाभ मिलेगा।

एक्यूट थेरेपी या संक्रमणरोधी श्रेणी में वृद्धि स्थिर रहने की उम्मीद है और यह अल्केम को प्रभावित कर सकती है, जो घरेलू बाजार में एक्यूट थेरेपी केंद्रित कंपनी है। नुवामा ने कहा कि कुल मिलाकर सक्रिय फार्मास्युटिकल के कम दामों से सकल मार्जिन में पिछले साल के मुकाबले सुधार होगा।

प्रभुदास लीलाधर के विश्लेषकों ने कहा ‘हमें उम्मीद है कि हमारे विश्लेषण के तहत आने वाली फार्मास्युटिकल कंपनियां पिछले साल की तुलना में 22 प्रतिशत एबिटा वृद्धि (पिछली तिमाही की तुलना में तीन प्रतिशत कम) के साथ एक और मजबूत तिमाही दर्ज करेंगी। इसे मुख्य रूप से अमेरिकी बाजार में नई दवा (जेनेरिक रेवलिमिड, जेनेरिक स्पिरिवा वगैरह), स्थिर घरेलू कारोबार तथा अ​धिक मार्जिन से मदद मिलेगी।’

विश्लेषकों को यह भी उम्मीद है कि इस तिमाही में लागत दबाव में कमी जारी रहेगी। इस कारण पिछले साल के मुकाबले मार्जिन में मदद मिलेगी। ​जेनेरिक के मूल्य निर्धारण के ​स्थिर माहौल के साथ नई दवा की शुरुआत के मद्देनजर कंपनियों को अमेरिका में स्थिर कारोबार नजर आने के आसार हैं।

विश्लेषकों को उम्मीद है कि वि​शिष्ट पोर्टफोलियो में निरंतर रफ्तार के कारण सन फार्मा पिछले साल की तुलना में नौ प्रतिशत की एबिटा वृद्धि दर्ज करेगी जबकि सिप्ला और जाइडस लाइफसाइंसेज क्रमशः नौ प्रतिशत और 17 प्रतिशत की एबिटा वृद्धि दर्ज कर सकती हैं।

डिवीज लैबोरेटरीज और जाइडस लाइफसाइंसेज जैसी कंपनियों में क्रमशः बेहतर उत्पाद मिश्रण तथा जेनेरिक रेवलिमिड की अ​धिक बिक्री की सहायता से मार्जिन में तिमाही आधार पर वृद्धि देखी जाएगी। दूसरी ओर यूजिया संयंत्र बंद होने के असर के मद्देनजर एआरबीपी के मार्जिन में तिमाही आधार पर गिरावट देखने को मिल सकती है।

First Published : April 11, 2024 | 10:54 PM IST