शेयर बाजार

बाजार हलचल: MSCI इमर्जिंग मार्केट्स वैश्विक दौड़ में आगे निकला, Groww का एक अरब डॉलर का आईपीओ जल्द

पिछले हफ्ते मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ने दूसरी बार 1,000 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाई। नैशनल कमोडिटी ऐंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज ने भी निवेशकों की गहरी दिलचस्पी देखी है।

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समी मोडक   
Last Updated- August 31, 2025 | 10:03 PM IST

एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट्स (ईएम) इंडेक्स ने साल 2025 के आठों कैलेंडर महीने में सकारात्मक रिटर्न दिया है और यह इस साल अब तक 17 फीसदी चढ़ चुका है क्योंकि वैश्विक सेंटिमेंट गैर-अमेरिकी परिसंपत्तियों के हक में रहा। इसकी तुलना में भारतीय इक्विटी बाजारों (जिनका उभरते बाजारों के सूचकांक में तीसरा सबसे बड़ा भारांश है) में अगस्त में लगातार दूसरे महीने गिरावट आई और आठ महीने में से सिर्फ चार महीने में ही इसमें बढ़ोतरी हुई है।

इस साल अब तक के लिहाज से बेंचमार्क निफ्टी-50 में करीब 3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और यह व्यापक ईएम इंडेक्स से पीछे है। यह कमजोर प्रदर्शन आंशिक रूप से सुस्त आय वृद्धि के बीच विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय शेयरों में निवेश कम करने को दर्शाता है, जो भारत के प्रीमियम बाजार मूल्यांकन से टकराता है। भारतीय निर्यात पर अमेरिका द्वारा लगाए गए कड़े व्यापार शुल्कों ने आर्थिक अनिश्चितता को और बढ़ा दिया है, जिससे निवेशकों का भरोसा कम हुआ है।

ग्रो का एक अरब डॉलर का आईपीओ

सक्रिय क्लाइंट के लिहाज से भारत के सबसे बड़े ब्रोकर ग्रो ने अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए मंजूरी हासिल कर ली है और साल के अंत से पहले 1 अरब डॉलर के शेयर बेचने की योजना बना रहा है। पीक एक्सवी पार्टनर्स और टाइगर ग्लोबल द्वारा समर्थित कंपनी अब समय को लेकर चिंता का सामना कर रही है।

वायदा और विकल्प खंड (उनके राजस्व का सबसे बड़ा जरिया) में नियामकीय सख्ती की चिंता के बीच प्रतिद्वंद्वी ऐंजल वन के शेयर अपने उच्चस्तर से 30 फीसदी से अधिक गिर चुके हैं। बीएसई सहित अन्य पूंजी बाजार फर्मों के मूल्यांकन में भी गिरावट आई है।

ग्रो की लिस्टिंग से जुड़े निवेश बैंकर मानते हैं कि बदलते नियम कंपनी के रोड शो की तैयारी के दौरान वास्तविक चुनौतियां पेश करते हैं। हालांकि ग्रो का लक्ष्य 7 अरब डॉलर का मूल्यांकन और 1 अरब डॉलर का आईपीओ पूरा करना है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि बदलते नियामकीय माहौल के मद्देनजर दोनों आंकड़ों में कमी की जरूरत हो सकती है।

दो एक्सचेंजों की बढ़ी लोकप्रियता

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) खुदरा निवेशकों के बढ़ते घाटे के बीच डेरिवेटिव्स क्षेत्र में अत्यधिक सट्टेबाजी पर अंकुश लगा रहा है, वहीं शेयर बाजार पर नज़र रखने वाले दो एक्सचेंजों की लोकप्रियता बढ़ रही है। पिछले हफ्ते मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया ने दूसरी बार 1,000 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाई। इसी तरह, नैशनल कमोडिटी ऐंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (जो 750 करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश में है) ने भी निवेशकों की गहरी दिलचस्पी देखी है।

दोनों एक्सचेंजों को सिटाडेल सिक्योरिटीज, टावर रिसर्च कैपिटल, अकेशिया पार्टनर्स, पीक एक्सवी पार्टनर्स और ट्रस्ट इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स जैसे प्रमुख निवेशकों का समर्थन प्राप्त है। प्रमुख इक्विटी प्लेटफॉर्म ग्रो और जीरोधा ने भी दोनों एक्सचेंजों में हिस्सेदारी हासिल कर ली है। इस पृष्ठभूमि में यह बताना मुश्किल है कि अगले दो वर्षों में भारत के इक्विटी ट्रेडिंग परिदृश्य में क्या बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

First Published : August 31, 2025 | 10:03 PM IST