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MSCI EM Index: उभरते बाजारों के एक सूचकांक में भारत टॉप पर, वेटेज ज्यादा होने से जमकर होंगे विदेशी निवेश

मॉर्गन स्टैनली ने एक नोट में कहा है कि भारत के शेयरों का कुल भार (वेटेज) बढ़कर 22.27 फीसदी हो गया जो पड़ोसी देश चीन के 21.58 फीसदी भार से करीब 70 आधार अंक अधिक है।

Last Updated- September 05, 2024 | 10:48 PM IST
MSCI maintains status quo on Korea

चीन को पीछे छोड़ते हुए भारत एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट (ईएम) निवेश योग्य मार्केट सूचकांक (IMI) में सबसे ज्यादा भार वाला देश बन गया है। MSCI EM IMI सूचकांक में शामिल भारत के शेयरों का कुल भार (वेटेज) बढ़कर 22.27 फीसदी हो गया जो पड़ोसी देश चीन के 21.58 फीसदी भार से करीब 70 आधार अंक अधिक है।

ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार चीन का कुल बाजार पूंजीकरण 8.14 लाख करोड़ डॉलर है जो भारत के 5.03 लाख करोड़ डॉलर से 60 फीसदी अ​धिक है। इसके बावजूद एमएससीआई ईएम में भारत का भार चीन से ज्यादा हो गया है।

एमएससीआई ईएम आईएमआई सूचकांक 500 अरब डॉलर की संप​त्ति पर नजर रखने वाले एमएससीआई ईएम सूचकांक का हिस्सा है। अमेरिका की ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टैनली ने एक नोट में कहा है कि सबसे ज्यादा भार होने से भारतीय कंपनियों में ज्यादा विदेशी निवेश का मार्ग प्रशस्त होगा।

एमएससीआई ईएम सूचकांक को स्टैंडर्ड सूचकांक भी कहा जाता है, जिसमें लार्ज और मिडकैप कंपनियों के शेयर शामिल होते हैं। आईएमआई में लार्ज, मिड और स्मॉलकैप शेयर शामिल होते हैं।

आईआईएफएल सिक्योरिटीज में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट श्रीराम वेलायुधन ने कहा कि ईएम सूचकांक में स्मॉलकैप के भार का ज्यादा हिस्सा होने के कारण चीन की तुलना में भारत का भार ज्यादा है। बीते दो साल में वै​श्विक सूचकांक प्रदाता एमएससीआई ने कमतर प्रदर्शन के कारण अपने सूचकांक से चीन के कई शेयरों को बाहर किया है। दूसरी ओर इस दौरान कई भारतीय कंपनियों ने इस सूचकांक में अपनी जगह बनाई है।

पिछले हफ्ते एमएससीआई ने अपने स्टैंडर्ड सूचकांक में सात और देसी शेयरों को शामिल किया था जबकि चीन के 60 शेयरों को बाहर कर दिया था। इसके बाद सूचकांक में चीन का भार घटकर 24 फीसदी से कम रह गया था और भारत का भार पहली बार 20 फीसदी के पार पहुंच गया था। एमएससीआई ईएम सूचकांक में चीन का भार भारत से 320 आधार अंक ज्यादा रह गया है। यह अंतर घटना शुरू हो गया है और 2021 में भारत का भार 9.2 फीसदी था जो चीन के 38.7 फीसदी भार का चौथाई से भी कम था।

शेयरों को शामिल करने और भार तय करते समय, एमएससीआई विदेशी फंडों के लिए उपलब्ध गुंजाइश पर विचार करता है क्योंकि इसके सूचकांकों को मुख्य रूप से ईएम या एशियाई बाजारों में निवेश के इच्छुक वैश्विक फंडों द्वारा ट्रैक किया जाता है। सरकार द्वारा निवेश नियमों को उदार बनाए जाने से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए निवेश की गुंजाइश बेहतर बनाने में मदद मिली है।

एमएससीआई ईएम आईएमआई सूचकांक में रिलायंस इंडस्ट्रीज का सूचकांक में 1.22 फीसदी भार है। इसी तरह इन्फोसिस का 0.86 फीसदी और आईसीआईसीआईसी बैंक का 0.85 फीसदी भार है। ताइवान की सेमीकंडक्टर दिग्गज टीएसएमसी का भार 8.09 फीसदी और चीन की टेनसेंट का 3.6 फीसदी भार है।

द​क्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग का भार 2.96 फीसदी है। भार के मामले में ये तीनों कंपनियां सूचकांक में शीर्ष पर हैं।

First Published - September 5, 2024 | 10:48 PM IST

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