विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एपपीआई) मार्च महीने के दूसरे पखवाड़े के दौरान एफएमसीजी, वाहन और वित्तीय शेयरों के बिकवाल रहे। प्राइम इन्फोबेस द्वारा एकत्रित आंकड़े से पता चलता है कि एफएमसीजी शेयरों में 4,939 कोड़ रुपये मूल्य की बिकवाली हुई, जिसके बाद ऑटो (2,085 करोड़ रुपये), वित्तीय सेवा (1,900 करोड़ रुपये) और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स (1,175 करोड़ रुपये) में सर्वाधिक बिक्री की गई।
एफपीआई ने तेल एवं गैस क्षेत्रके शेयरों में भी करीब 1,169 करोड़ रुपये मूल्य की बिकवाली की। विश्लेषकों का कहना है कि एफएमसीजी शेयरों में बिक्री मुख्य तौर पर इस क्षेत्र में निराशाजनक परिदृश्य की वजह से हुई, जबकि वाहन शेयरों में बिकवाली मुनाफावसूली के कारण हुई।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में रिटेल रिसर्च के प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, ‘इसे लेकर चिंता है कि भीषण गर्मी का कृषि फसलों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जिससे किसानों की आय में कमी और ग्रामीण खर्च को बढ़ावा मिलेगा। जहां तक ऑटो शेयरों का सवाल है, ऐसा लग रहा है कि इन सब बातों का इनमें पूरा असर दिख चुका है और ज्यादा सकारात्मक बदलाव की सीमित संभावना है। जब तक मॉनसून के बारे में अच्छी खबरें सामने नहीं आतीं, एफएमसीजी शेयरों पर दबाव बना रह सकता है।’
इस बीच, दूरसंचार शेयरों में 1,319 करोड़ रुपये मूल्य की खरीदारी हुई है, जिसके बाद पूंजीगत वस्तु (951 करोड़ रुपये), धातु एवं खनन (931 करोड़ रुपये), रसायन (868 करोड़ रुपये) और रियल्टी (846 करोड़ रुपये) का स्थान रहा।
जसानी ने कहा, ‘राजस्व वृद्धि और मुनाफे की संभावना ऊंचे उतार-चढ़ाव के बावजूद पूंजीगत वस्तु शेयरों में मजबूत बनी हुई है। एफपीआई ने भारती एयरटेल में दिलचस्पी दिखाई, जिसका प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व सुधरा है।’
कुल मिलाकर, एफपीआई ने मार्च के दूसरे पखवाड़े में 5,613 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की थी।
मार्च के अंत में एफपीआई का सर्वाधिक क्षेत्रवार आवंटन वित्तीय सेवा में 28.9 प्रतिशत था। हालांकि वित्तीय सेवा क्षेत्र के लिए कुल आवंटन 29.2 प्रतिशत से घटा है। तेल एवं गैस क्षेत्र के शेयरों के लिए निवेश 9.24 प्रतिशत से बढ़कर 9.4 प्रतिशत हुआ है।