एक दिन पहले बिकवाली के कारण औंधे गिरे स्मॉलकैप और मिडकैप सूचकांकों में आज अच्छी तेजी दिखी। कल लुढ़के ज्यादातर शेयरों में सुधार नजर आया। निफ्टी मिडकैप 100 सूचकांक 2 फीसदी चढ़ गया और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 3.5 फीसदी की तेजी आई। ये दोनों सूचकांक दो साल का सबसे खराब प्रदर्शन करते हुए बुधवार को करीब 5-5 फीसदी टूट गए थे।
ये दोनों सूचकांक तो खूब चढ़े मगर बेंचमार्क सूचकांकों में इनके मुकाबले कम तेजी रही। सेंसेक्स 335 अंक चढ़कर 73,097 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 153 अंक उठकर 22,151 पर बंद हुआ। निफ्टी 50 अदाणी समूह के शेयरों में तेजी की बदौलत चढ़ा। उसमें सबसे ज्यादा 6 फीसदी अदाणी एंटरप्राइजेज का शेयर चढ़ा। इसके बाद अदाणी पोर्ट्स करीब 5 फीसदी उछल गया। बुधवार को 6 फीसदी फिसलने के बाद निफ्टी पीएसई सूचकांक आज 2 फीसदी मजबूत हुआ।
बाजार भागीदारों के मुताबिक यह देखना दिलचस्प होगा कि इन सूचकांकों में बढ़त जारी रहेगी या नहीं क्योंकि उठापटक बढ़ने से निवेशकों के हौसले पर असर पड़ा है।
स्वतंत्र इक्विटी विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने कहा, ‘कुछ मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर 30-40 फीसदी तक गिर गए थे। इसलिए उनमें तेजी की संभावना थी। मगर बड़ा सवाल यह है कि तेजी बरकरार रहेगी या नहीं। इन सूचकांकों में बड़ी गिरावट से निवेशकों का भरोसा डगमगाया है। कुछ निवेशक घाटे में चल रहे अपने शेयर बेचने का फैसला कर सकते हैं। अग्रिम कर भुगतान की वजह से तरलता की भी किल्लत है।’
बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर 2,722 शेयर उठकर और 1,153 गिरकर बंद हुए। एक दिन पहले के मुकाबले यह बहुत अच्छा प्रदर्शन है क्योंकि कल एक शेयर के चढ़ने पर औसतन 100 शेयर गिरे थे। सेंसेक्स के दो-तिहाई शेयर आज बढ़त के साथ बंद हुए। इन्फोसिस में 2.5 फीसदी तेजी आई और इसने सेंसेक्स की तेजी में सबसे ज्यादा योगदान दिया। सेवा क्षेत्र के शेयरों में भी अच्छी तेजी आई।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज में रिटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘बाजार खासकर मिडकैप और स्मॉलकैप की दिशा एमएफ स्ट्रेस टेस्ट के परिणाम से तय होगी। निवेशकों की नजर अमेरिका में आने वाले प्रमुख आंकड़ों पर भी लगी रहेगी। हमें लगता है कि निकट भविष्य में बाजार उतार -चढ़ाव बना रहेगा। इसलिए छोटे निवेशकों को इस गिरावट का फायदा उठाकर 3-4 खेप में बढ़िया शेयर खरीद लेने चाहिए। हम फिलहाल लार्जकैप में ज्यादा निवेश का सुझाव दे रहे हैं क्योंकि इनका मूल्यांकन वाजिब है और तगड़ी वृद्धि की संभावनाएं भी हैं।’
बाजार नियामक सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने इसी हफ्ते कहा था कि बाजार में बुलबुले जैसी स्थिति है और इस बुलबुले हो हवा देना उचित नहीं होगा। नियामक ने म्युचुअल फंडों को अपनी स्मॉल और मिडकैप योजनाओं को परिचालन के कुछ मानदंडों पर परखने का निर्देश दिया है ताकि तरलता प्रबंधन का पता लगाया जा सके। फंड कंपनियां शुक्रवार को स्ट्रेस टेस्ट के परिणामों की घोषणा कर सकती हैं।