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मनोबल पर असर, टूटे सेंसेक्स-निफ्टी

कारोबारी सत्र के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी क्रमशः 78,968 और 23,936 के निचले स्तर तक चले गए थे।

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- May 09, 2025 | 11:11 PM IST

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते संघर्ष के कारण शुक्रवार को भारतीय बाजारों में एक फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई। पिछले दो कारोबारी सत्रों के दौरान काफी हद तक शांत प्रतिक्रिया के बाद बेंचमार्क सेंसेक्स 1.1 फीसदी यानी 880 अंक गिरकर 79,454 पर बंद हुआ। निफ्टी-50 इंडेक्स भी 1.1 फीसदी यानी 266 अंक फिसलकर 24,008 पर टिका। कारोबारी सत्र के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी क्रमशः 78,968 और 23,936 के निचले स्तर तक चले गए थे।

शुक्रवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने करीब 3,800 करोड़ रुपये के शेयर बेचे जिससे उनकी लगातार 16 दिन तक चली खरीदारी पर विराम लग गया। विश्लेषकों ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे सीमाई संघर्ष के संभावित आर्थिक असर को लेकर निवेशकों की चिंता बढ़ती जा रही है। पिछले महीने कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया जिससे जवाबी हमले और सीमा पार से गोलीबारी जारी है।

सीएलएसए ने एक नोट में कहा, पाकिस्तान की सीमा से सटे गुजरात, राजस्थान, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में कई क्षेत्रों में रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण आर्थिक संपत्तियां हैं। सीमावर्ती राज्यों में बड़े निवेश वाली कंपनियों में अदाणी पोर्ट, बिजली और नई ऊर्जा साइटें, रिलायंस इंडस्ट्रीज की रिफाइनरी और नया ऊर्जा कॉम्प्लेक्स, पावर ग्रिड के बड़े सब-स्टेशन, एनएचपीसी की पनबिजली परियोजनाएं और श्री सीमेंट, टाटा केमिकल्स और वेदांत की औद्योगिक सुविधाएं शामिल हैं। अगर स्थिति लंबे समय तक ऐसे ही बनी रहती है तो जम्मू-कश्मीर से पावर ग्रिड की 3 अरब डॉलर की एचवीडीसी (हाई-वोल्टेज डायरेक्ट करंट) लाइन जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में पूंजीगत व्यय में देरी हो सकती है।

पावर ग्रिड के शेयरों में 2.7 फीसदी की गिरावट आई और यह निफ्टी पर आईसीआईसीआई बैंक के बाद दूसरा सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला शेयर बन गया जिसमें 3.2 फीसदी की कमजोरी दर्ज हुई। अल्ट्राटेक सीमेंट और ग्रासिम में भी 2 फीसदी से अधिक की गिरावट आई। बीएसई में सूचीबद्ध सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 416.4 लाख करोड़ रुपये तक गिर गया और दो सत्रों में इसमें 7.7 लाख करोड़ रुपये रुपये की कमी आई। बेंचमार्क सूचकांकों ने भी तीन सप्ताह की बढ़त का सिलसिला तोड़ दिया जो इस साल उनकी बढ़त का सबसे लंबा सिलसिला था।

बाजार में उतार-चढ़ाव को मापने वाला एनएसई विक्स इंडेक्स गुरुवार को 10 फीसदी की उछाल के बाद शुक्रवार को भी 3 फीसदी बढ़कर 21.63 पर पहुंच गया। बजाज ब्रोकिंग के अनुसार, यह वृद्धि निवेशकों की बढ़ती चिंता को दर्शाती है। वीआईएक्स के 20 से ऊपर होने के कारण बाजार प्रतिभागियों को उम्मीद है कि निकट भविष्य में शेयरों की कीमतें अस्थिर रहेंगी। एनएसई में 17 सेक्टर सूचकांकों मे से सिर्फ चार बढ़त के साथ बंद हुए। सबसे ज्यादा नुकसान उठाने वाले इंडेक्स थे निफ्टी फाइनैंशियल, निफ्टी एफएमसीजी और निफ्टी आईटी।

ब्रिटेन-अमेरिका व्यापार समझौते की पुष्टि और अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता को लेकर खबरों से शुक्रवार को वैश्विक बाजारों में तेजी आई। सीमा पर तनाव के कारण भारत के बाजारों ने अधिकांश वैश्विक प्रतिस्पर्धियों की तुलना में कमजोर प्रदर्शन किया। घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) मुख्य रूप से म्युचुअल फंडों के नकदी समर्थन के कारण बाजार की गिरावट पर थोड़ा विराम लगा। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार को डीआईआई 7,300 करोड़ रुपये के शुद्ध खरीदार रहे।

इक्विनॉमिक्स के संस्थापक जी. चोकालिंगम ने कहा, हालांकि डीआईआई का निवेश स्थिर बना हुआ है। लेकिन खुदरा निवेशक चिंता जता रहे हैं और खरीदारी गतिविधियों में कमी आई है जिसका असर स्मॉल व मिडकैप शेयरों के प्रदर्शन पर दिखाई दे रहा है।

First Published : May 9, 2025 | 10:51 PM IST