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SEBI की सख्ती से NSE की आय पर 25% तक असर का अनुमान: IIFL Securities

सेबी सट्टा ट्रेडिंग नियंत्रित करने और छोटे निवेशकों को सुरक्षित बनाने के लिए सूचकांकों के वायदा एवं विकल्प को प्रशासित करने वाले ढांचे में सात प्रमुख बदलावों पर विचार कर रहा

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खुशबू तिवारी   
Last Updated- August 27, 2024 | 11:09 PM IST

आईआईएफएल सिक्योरिटीज के विश्लेषण में अनुमान जताया गया है कि इंडेक्स डेरिवेटिव पर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रस्तावित सख्ती से नैशनल स्टॉक एक्सचेंज की आय 20-25 प्रतिशत तक प्रभावित हो सकती है।

बाजार नियामक सेबी सट्टा ट्रेडिंग नियंत्रित करने और छोटे निवेशकों को सुरक्षित बनाने के लिए सूचकांकों के वायदा एवं विकल्प को प्रशासित करने वाले ढांचे में सात प्रमुख बदलावों पर विचार कर रहा है। उद्योग के कारोबारियों ने इन प्रस्तावों के संबंध में अपने सुझाव सौंप दिए हैं और इन पर सितंबर के अंत में होने वाली सेबी की अगली बोर्ड बैठक में विचार किया जाएगा।

इनमें शामिल हैं – साप्ताहिक विकल्प अनुबंधों को प्रति एक्सचेंज एक इंडेक्स में सीमित करना, एक्सपायरी के नजदीक ऊंचे मार्जिन की जरूरत तथा अनुबंध का आकार बढ़ाकर हाइयर एंट्री पॉइंट। आईआईएफएल सिक्योरिटीज ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘यदि उपायों पर अमल हुआ तो इनसे एनएसई की ट्रेडिंग मात्रा करीब एक-तिहाई तक प्रभावित हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप वित्त वर्ष 2026 की ईपीएस में 20-25 प्रतिशत की कटौती का अनुमान है।’

आईआईएफएल सिक्योरिटीज ने अनुमान जताया है कि एनएसई का अनुमानित ऑप्शन कारोबार 15-20 प्रतिशत तक प्रभावित होगा, जबकि प्रीमियम कारोबार 5-40 प्रतिशत तक घट जाएगा।

ब्रोकरेज ने कहा, ‘इन चुनौतियों के बावजूद शेयर मौजूदा समय में वित्त वर्ष 2025 की ईपीएस के 15 गुना पर कारोबार कर रहा है। आय पर संभावित प्रभाव के बाद भी यह 23-25 गुना मूल्यांकन पर बना रहेगा, जो सूचीबद्ध प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले 30-40 प्रतिशत नीचे है। आईपीओ से जुड़ी स्पष्टता इस मूल्यांकन अंतर को सीमित कर सकती है। लेकिन तब तक मौजूदा नियामकीय अनिश्चितताओं की वजह से यह शेयर सीमित दायरे में बना रह सकता है।’

First Published : August 27, 2024 | 10:55 PM IST