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सेबी को जनवरी में मिलीं रिकॉर्ड शिकायतें, लंबित मामलों की संख्या में भी इजाफा

सेबी को मिलने वाली ​शिकायतें जनवरी में 80 प्रतिशत बढ़ीं

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समरीन वानी   
Last Updated- February 28, 2024 | 11:25 PM IST

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास आने वाली ​शिकायतों में जनवरी में बड़ी तेजी दर्ज की गई। नियामक को जनवरी में करीब 5,532 ​​शिकायतें मिलीं, जो इससे पिछले महीने (दिसंबर) में मिली ​शिकायतों के मुकाबले 80 प्रतिशत ज्यादा थीं। यह आंकड़ा वर्ष 2023 के निचले स्तर से दोगुना से ज्यादा है।

सेबी को फरवरी 2023 में 2,321 ​शिकायतें मिली थीं, जो अक्टूबर 2021 के बाद सबसे कम थीं। ​निवेशकों ने अपनी ​शिकायतें सेबी ​शिकायत निवारण प्रणाली (स्कोर्स) पर दर्ज कराईं। ​शिकायतें नियामक के साथ पंजीकृत सूचीबद्ध कंपनियों के साथ साथ बिचौलियों के ​खिलाफ दायर कराई जा सकती हैं। पोर्टल के अनुसार इस प्रणाली पर सेबी ऐक्ट, सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेग्युलेशन ऐक्ट, डिपोजिटरीज ऐक्ट और कंपनीज ऐक्ट, 2013 के संबं​धित प्रावधानों के तहत उत्पन्न मसलों से जुड़ी शिकायतें दर्ज होती हैं।

लंबित ​शिकायतों की कुल संख्या बढ़कर 5,371 हो गई है। यह तेजी ​नियामक द्वारा सक्रियता बढ़ाए जाने के बावजूद आई है। ​शिकायतों की संख्या महीने के शुरू में लंबित 3,780 के मुकाबले अ​धिक है। नई ​शिकायतों से लंबित ​शिकायतों की संख्या में इजाफा हुआ है। कार्रवाई योग्य लंबित ​शिकायतों की संख्या पिछले वित्त वर्ष में घटी थीं। सेबी की सालाना रिपोर्ट 2022-23 के अनुसार दरअसल वित्त वर्ष 2023 में 2,000 से थोड़ी अधिक ​शिकायतें लंबित थीं जो दशक में सबसे कम थी। इनमें ज्यादातर तीन महीने से कम के लिए लंबित रहीं।

वित्त वर्ष 2009 में लंबित ​​शिकायतों की संख्या 49,000 से ज्यादा थी। वित्त वर्ष 2023 के दौरान इनमें से करीब आधी ​शिकायतें उत्तरी क्षेत्र के राज्यों दिल्ली, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर के साथ साथ अन्य से सेबी के मुख्य कार्यालय में प्राप्त हुई थीं। वित्त वर्ष 2023 में ज्यादातर ​शिकायतें स्टॉक ब्रोकरों के ​खिलाफ थीं। इसके बाद अन्य ​शिकायतें रिफंड, आवंटन, लाभांश, ट्रांसफर, बोनस, राइट्स, रिडम्पशन और ब्याज से संबं​धित थीं।

लंबित ​शिकायतों की संख्या में वृद्धि इस तथ्य के बावजूद हुई है कि जनवरी में ​शिकायतों का औसत समाधान समय कम हुआ। जनवरी में किसी ​शिकायत के समाधान से जुड़ा औसत समय 35 दिन रहा। यह पिछले महीनों के दौरान लगने वाले समय की तुलना में बड़ी कमी थी।

नवंबर और दिसंबर 2023 में ​शिकायत निवारण में करीब 40 दिन लग रहे थे। औसत सालाना समाधान समय 2023 में 35 दिन था, जो 2022 में 28 दिन था। जनवरी में ​16 शिकायतें 3 महीने से ज्यादा समय तक लंबित रहीं, जिनमें 6 उद्यम पूंजी फंडों के ​खिलाफ, चार निवेश सलाहकारों और एआईएफ के ​खिलाफ थीं। दो ​शिकायतें शोध विश्लेषकों के ​खिलाफ मिली ​थीं।

First Published : February 28, 2024 | 11:25 PM IST