रुपये ने सप्ताह की शुरुआत कमजोरी के साथ की। डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा में 26 पैसे की गिरावट आई। डीलरों का कहना है कि अनुमान के मुकाबले मजबूत अमेरिकी आंकड़े से फेडरल रिजर्व द्वारा दर वृद्धि की आक्रामक रफ्तार बरकरार रखने की आशंका बढ़ी है।
सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 82.54 पर बंद हुआ, जबकि इसका पिछला बंद भाव 82.28 था। 2022 में अब तक भारतीय रुपये में डॉलर के मुकाबले 9.9 प्रतिशत की कमजोरी आई है।
सप्ताहांत के दौरान जारी हुए आंकड़े से पता चलता है कि अमेरिकी उत्पाद कीमतें नवंबर में अनुमान से ज्यादा बढ़ीं। यह आंकड़ा फेडरल ओपन मार्केट कमेटी की 13 दिसंबर को शुरू हो रही दो-दिवसीय बैठक से पहले आया है।
सीआर फॉरेक्स एडवायजर्स ने लिखा है, ‘वैश्विक तौर पर, उस रिपोर्ट के बाद शुक्रवार से अमेरिकी डॉलर की मांग बनी हुई थी जिसमें संकेत दिया गया कि अमेरिकी प्रोडयूसर्स प्राइस इंडेक्स अनुमानों के मुकाबले ज्यादा बढ़ा। मजबूत डॉलर से उभरते बाजारों की मुद्राओं पर दबाव पड़ रहा है।
फेडरल ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मांग घटाने के प्रयास में मार्च 2022 से ब्याज दरें बढ़ाने पर जोर दिया है। कारोबारियों का मानना है कि फेडरल रिजर्व इस सप्ताह 50 आधार अंक की दर वृद्धि की घोषणा कर सकता है, जिसके साथ ही 2022 में कुल दर वृद्धि बढ़कर 425 आधार अंक हो जाएगी।
ऊंची अमेरिकी ब्याज दरों से वैश्विक पूंजी दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की ओर जाने का रुझान बढ़ा है जिससे रुपये जैसी उभरते बाजार की मुद्राओं पर दबाव बढ़ रहा है। सोमवार को अमेरिकी डॉलर सूचकांक 105.23 की ऊंचाई पर पहुंच गया, जबकि इसका पिछला बंद भाव 104.80 था।
डॉलर सूचकांक में तेजी से रुपया सोमवार को गिरकर 82.85 प्रति डॉलर के निचले स्तर पर आ गया। दिन के कारोबार में रुपये का सर्वाधिक निचला 83.29 है। हालांकि कारोबारियों का कहना है कि सोमवार को 82.75 के स्तर के आसपास निर्यातकों द्वारा डॉलर की बिक्री से रुपये को कुछ नुकसान दूर करने में मदद मिली।
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