K Rajaraman, Chairperson, IFSCA
गिफ्ट सिटी में असूचीबद्ध शेयरों की सीधी सूचीबद्धता के लिए अंतिम नियम एक महीने में तैयार हो जाएंगे और इंटरनैशनल फाइनैंशियल सर्विसेज सेंटर (आईएफएससी) एक तिमाही के भीतर पहली सूचीबद्धता से रूबरू हो सकता है। आईएफएससी अथॉरिटी के चेयरपर्सन के राजारामन ने यह बात कही।
गिफ्ट आईएफएससी में भारत की सार्वजनिक कंपनियों को सूचीबद्धता में सक्षम बनाने के लिए केंद्र सरकार जनवरी में ही नियमों को अधिसूचित कर चुकी है लेकिन आईएफएससीए ने मई में जारी चर्चा पत्र में अतिरिक्त नियामकीय जरूरतों पर टिप्पणी मांगी थी।
राजारमन ने कहा कि हमें लगा कि हमारे नियमों को अपडेट किए जाने की दरकार है। इसलिए पिछले दो महीने में हमने सूचीबद्धता नियमों को अपडेट किया जो सार्वजनिक राय के जरिए मिले हैं। हम अथॉरिटी की बैठक में इस महीने के आखिर में इसे मंजूरी के लिए रख सकते हैं। इन्हें संभवत: अगले महीने अधिसूचित कर दिया जाएगा।
आईएफएससीए का प्रतिभूति निर्गम और सूचीबद्धता नियमन 2021, आईएफएससी में गठित कंपनियों, भारत और विदेशी न्यायाधिकार क्षेत्र में गठित फर्मों की तरफ से जारी विभिन्न प्रतिभूतियों की सूचीबद्धता के लिए मौजूदा व्यवस्था मुहैया कराता है। मंजूरी के बाद सूचीबद्धता नियमन की जगह नया आईएफएससीए (लिस्टिंग) नियमन 2024 ले सकता है।
अंतिम मंजूरी के बाद विदेशी कंपनियां और घरेलू असूचीबद्ध कंपनियां सूचीबद्धता के लिए आईएफएससी एक्सचेंजों के पास दस्तावेज जमा करा सकेंगी। प्रस्ताव के मुताबिक 10 करोड़ डॉलर या इससे कम के इश्यू के प्रस्ताव को आईएफएससीए से किसी पत्र या मंजूरी की दरकार नहीं होगी यानी उन्हें इससे छूट मिलेगी। संशोधित नियमों में भी पात्रता मानकों और डिस्क्लोजर, व्हिसलब्लोअर मैकेनिज्म, लेखा मानकों, सस्टैनिबिलिटी की जानकारी आदि के बारे में प्रावधान शामिल हैं।
आईएफएससीए के चेयरपर्सन ने कहा कि भारतीय शेयर बाजारों में पहले से ही सूचीबद्ध कंपनियों को गिफ्ट सिटी के जरिये रकम जुटाने की अनुमति के लिए नियम दो-तीन महीने के भीतर तैयार हो जाएंगे। ये नियम बाजार नियामक सेबी बनाएगा। आईएफएससीए इस विषय पर अपने इनपुट दे चुका है। आईएफएससी में करीब 75 ब्रोकर-डीलर पहले से ही पंजीकृत हैं और उसे और ब्रोकरों के जुड़ने की उम्मीद है। मार्च तक आईएफएससी में सिर्फ तीन इन्वेस्टमेंट बैंकर पंजीकृत थे।