ऑर्किड केमिकल्स ऐंड फार्मास्यूटिकल्स के शेयर भाव में अचानक आई भारी तेजी बुधवार को थम गई।
बाजार में अटकलें हैं कि रैनबैक्सी इस कंपनी के अधिग्रहण की तैयारी कर रहा है हालांकि रैनबैक्सी के प्रवक्ता ने बुधवार को कंपनी के इरादों को साफ करते हुए कहा है कि वो किसी भी तरह से ऑर्किड फार्मास्यूटिकल्स पर जबरन और उनकी इच्छा के विरुध्द कोई कब्जा नहीं करना चाहता है।
3 अप्रैल को खबर आई थी कि सोरलेक्स फार्मा ने कंपनी में 11.4 हिस्सेदारी खरीद ली है,जिसके बाद ऑर्किड के भाव में 48 फीसदी का इजाफा आ गया। लेकिन बुधवार को रैनबैक्सी के बयान के बाद ये तेजी थमती नजर आई।
एक विदेशी ब्रोकरेज फर्म के एनालिस्ट यह स्टॉक अधिग्रहण की खबरों से ही इतना चढ़ा है लेकिन अब रैनबैक्सी के बयान के बाद मामला ठंडा पड़ रहा है।इससे पहले जब बियर स्टीयर्न्स (जिसका जेपी मार्गन ने अधिग्रहण किया) ऑर्किड के दस लाख शेयरों 18 मार्च को बेचे थे तो इसका शेयर भाव अचानक एक ही दिन में 38 फीसदी गिर गया था और 140 के करीब आ गया था।
एंजिल ब्रोकिंग के फार्मा एनालिस्ट सरबजीत कौर नांगरा के मुताबिक रैनबैक्सी की ही एक कंपनी के ऑर्किड के शेयरों की भारी खरीद की खबर से ही भाव चढ़े थे, लेकिन रैनबैक्सी के बयान के बाद ऐसा लगता है और साफ भी है कि अब यह अधिग्रहण बातचीत के जरिए ही हो सकता है। पहले ये चर्चा थी कि सोलरेक्स ऑर्किड के शेयरों की खरीद के लिए खुला ऑफर देगा।
अप्रैल 2007 में ऑर्किड के प्रमोटरों ने इंडियाबुल्स फाइनेंशियल सर्विसेस और रेलिगेयर एंटरप्राइसेस (रैनबैक्सी समूह की फर्म) से फंड कर्ज के रूप में लिया था ताकि कंपनी में अपनी हिस्सेदारी 17 से बढाकर 24 फीसदी कर सके। इसके लिए प्रमोटरों ने अपने शेयर गिरवी रखे थे लेकिन जब ऑर्किड के प्रमोटर मार्जिन कॉल की जरूरत पूरी नहीं कर सके तो कर्ज देने वालों ने गिरवी रखे शेयर बाजार में बेच दिए थे।