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गैर-BFSI कंपनियों के मुनाफे में तीसरी तिमाही में भी गिरावट

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कृष्ण कांत   
Last Updated- June 01, 2023 | 8:32 PM IST

भारतीय उद्योग जगत की आय वित्त वर्ष 2023 की जनवरी-मार्च तिमाही में पूर्ववर्ती दो तिमाहियों के कमजोर प्रदर्शन के मुकाबले शानदार रही। हालांकि कॉरपोरेट जगत की आय में तेजी को खासकर बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा (BFSI) कंपनियों से मदद मिली।

वित्त वर्ष 2023 की जनवरी-मार्च तिमाही में बैंकों और गैर-बैंकिंग ऋणदाताओं द्वारा अनुमान से बेहतर प्रदर्शन दर्ज किया गया, जबकि गैर-BFSI सेगमेंट में आय पर कुछ दबाव देखने को मिला। गैर-BFSI क्षेत्र की कंपनियों को मुनाफे पर दबाव से जूझना पड़ा और उनक राजस्व वृद्धि में बड़ी कमजोरी आई।

बिजनेस स्टैंडर्ड के नमूने में शामिल सभी 2,938 कंपनियों का संयुक्त शुद्ध लाभ एक साल पहले के आधार पर 10.5 प्रतिशत तक बढ़कर मार्च तिमाही में 2.97 लाख करोड़ रुपये की ऊंचाई पर पहुंच गया, जो वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही के 2.43 लाख करोड़ रुपये और एक साल पहले के 2.69 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है।

तुलनात्मक तौर पर, इन कंपनियों की संयुक्त शुद्ध बिक्री (BFSI कंपनियों के लिए सकल ब्याज आय) मार्च तिमाही में सालाना आधार पर 14.3 प्रतिशत तक बढ़कर 33.2 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो एक साल पहले के 29 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है।

हालांकि शुद्ध बिक्री वृद्धि 9 तिमाहियों में सबसे कम है, जिससे मुख्य अर्थव्यवस्था में कमजोर मांग और धातु एवं ऊर्जा में कीमत गिरावट का संकेत मिलता है।

2,452 सूचीबद्ध कंपनियों (BFSI और स्टॉक ब्रोकिंग को छोड़कर) का संयुक्त शुद्ध लाभ सालाना आधार लगातार तीसरी तिमाही में कमजोर रहा और वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में सालाना आधार पर 4.6 प्रतिशत कम है। तिमाही के दौरान इन कंपनियों का संयुक्त शुद्ध लाभ 1.97 लाख करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले के 2.06 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड ऊंचे स्तर से कम है।

इसके विपरीत, इन कंपनियों का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में सालाना आधार पर 22.3 प्रतिशत बढ़ गया था, जो वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर 13.2 प्रतिशत कम और वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में 23.7 प्रतिशत कम रहा।

हालांकि गैर-BFSI कंपनियों का शुद्ध लाभ अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के मुकाबले तिमाही आधार पर 30 प्रतिशत तक बढ़ा, क्योंकि धातु एवं खनन, तेल एवं गैस, वाहन और FMCG कंपनियों के शुद्ध लाभ में इजाफा दर्ज किया गया था। इसके अलावा, चौथी तिमाही पूंजीगत वस्तु, निर्माण और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों की कंपनियों के लिए बेहद व्यस्त रही।

आय में सालाना आधार पर गिरावट काफी हद तक राजस्व वृद्धि में नरमी, परिचालन खर्च वृद्धि औरऊंचे ब्याज लागत की वजह से आई। नमूने में शामिल गैर BFSI कंपनियों की संयुक्त शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाह में सालाना आधार पर 12 प्रतिशत तक बढ़कर 27.52 लाख करोड़ रुपये रही। तुलनात्मक तौर पर, उनकी शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 2023 तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर 17.6 प्रतिशत तक और वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में 24.6 प्रतिशत तक घटी। यह अक्टूबर-दिसंबर 2020-21 की तिमाही के बाद से इन कंपनियों के लिए सबसे कमजोर राजस्व वृद्धि है।

हमारे नमूने में शामिल धातु एवं खनन कंपनियों की संयुक्त शुद्ध बिक्री सालाना आधार पर 0.9 प्रतिशत घट गई, जो पिछली 11 तिमाहियों में सबसे खराब प्रदर्शन माना जा सकता है।

विश्लेषकों ने भारतीय उद्योग के राजस्व में नरमी के लिए मांग में कमजोरी को जिम्मेदार करार दिया है।

First Published : June 1, 2023 | 8:32 PM IST