निफ्टी-50 कंपनियों का घट सकता है मुनाफा

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 4:47 AM IST

अप्रैल-जून 2020 तिमाही भारतीय उद्योग जगत के लिए कमजोर रहने की आशंका है, क्योंकि कोविड-19 महामारी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन की वजह से इस अवधि के दौरान आर्थिक गतिविधि मंद पड़ गई।
प्रमुख ब्रोकरों को निफ्टी-50 सूचकांक में शामिल देश की प्रमुख 50 कंपनियों के संयुक्त शुद्घ लाभ (असाधारण लाभ और नुकसान के समायोजन के साथ) में सालाना आधार पर 27.3 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है। सूचकांक कंपनियों का संयुक्त शुद्घ राजस्व जून तिमाही में सालाना आधार पर 27.1 प्रतिशत घटने का अनुमान है।
तुलनात्मक तौर पर, संयुक्त समायोजित शुद्घ लाभ 2019-20 की चौथी तिमाही के दौरान सालाना आधार पर 13.2 प्रतिशत घटा था। सही तुलना को ध्यान में रखते हुए यह विश्लेषण समायोजित शुद्घ लाभ पर आधारित है न कि दर्ज लाभ पर। परिसंपत्ति अशुद्घता और इन्वेंट्री नुकसान (जिस पर विचार नहीं किया गया) की वजह से हुए बड़े एकमुश्त नुकसान के कारण चौथी तिमाही में कई कंपनियों के मुनाफे पर प्रभाव पड़ा।
कई ब्रोकरेज फर्मों का मानना है कि बैंक और अन्य ऋणदाता बेहतर प्रदर्शन करेंगे जबकि निर्माण कंपनियों को दबाव का सामना करना पड़ेगा। कुल मिलाकर, आठ सूचकांक कंपनियों (टाटा मोटर्स और टाटा स्टील शामिल) द्वारा पहली तिमाही में शुद्घ स्तर पर नुकसान दर्ज किए जाने की आशंका है। दूसरी तरफ, पहली तिमाही में शुद्घ लाभ में दो अंक की वृद्घि के साथ आय के चार्ट पर भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन, ब्रिटानिया, भारतीय स्टेट बैंक, और यूपीएल आगे रह सकती हैं।
बैंकों, गैर-बैंकिंग ऋणदाताओं, और बीमा कंपनियों को छोड़कर सूचकांक कंपनियों का संयुक्त समायोजित शुद्घ लाभ जून तिमाही के दौरान सालाना आधार पर 39 प्रतिशत तक घटने का अनुमान है, जबकि शुद्घ बिक्री पर 30.6 प्रतिशत तक का दबाव पडऩे की आशंका है। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज (एमओएफएसएल) के गौतम दुग्गड ने अपनी आय अनुमान संबंधी रिपोर्ट में लिखा है, ‘हमें अनुमान है कि एमओएफएसएल के नमूने में वाहन, दूसंचार, धातु, पूंजीगत वस्तु, और रिटेल क्षेत्रों की कंपनियों का कर-बाद लाभ/कर-पूर्व लाभ वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में सालाना आधार पर 52 प्रतिशत/49 प्रतिशत घटेगा और वे नुकसान दर्ज करेंगी।’ निजी बैंक और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऐसे एकमात्र क्षेत्र हैं जिनमें मामूली वृद्घि दिखने की संभावना है, जबकि प्रौद्योगिकी की स्थिति सपाट बने रहने की संभावना है।
एमओएफएसएल को जून तिमाही में निफ्टी कंपनियों की बिक्री में सालाना आधार पर 30 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है जबकि इनके शुद्घ लाभ में 41 प्रतिशत तक की कमी दर्ज की जा सकती है। फिलिप कैपिटल की अंजिल वर्मा का कहना है कि ग्रामीण बाजार केंद्रित कंपनियों का जून तिमाही में प्रदर्शन बेहतर रह सकता है। वर्मा ने अपनी आय अनुमान रिपोर्ट में लिखा है, ‘जून 2020 तिमाही में, फिलिप कैपिटल के नमूने में शामिल कंपनियों का राजस्व सालाना आधार पर 27 प्रतिशत तक घटने का अनुमान है, जबकि शुद्घ लाभ में 35 प्रतिशत की कमी आ सकती है।’
यह विश्लेषण इक्विटी ब्रोकरेज फर्मों द्वारा अप्रैल-जून 2020 की अवधि के लिए आय अनुमानों पर आधारित है। इन ब्रोकरों में एमओएफएसएल, फिलिप कैपिटल, एमके ग्लोबल, स्पार्क कैपिटल, ऐंटीक सिक्योरिटीज, और इलारा कैपिटल शामिल हैं। शुद्घ बिक्री सभी कंपनियों (बैंकों और एनबीएफसी को छोड़कर) के लिए वस्तु और सेवाओं की बिक्री से प्राप्त कुल आय है। मौजूदा तिमाही के लिए शुद्घ बिक्र और शुद्घ लाभ ब्रोकरों के अनुमानों पर आधारित हें और इनमें असाधारण लाभ तथा नुकसान शामिल नहीं हैं।
मार्च 2020 की तिमाही में लॉकडाउन के सात दिन की अवधि शामिल थी, जबकि जून तिमाही के लिए यह अवधि ज्यादा थी। यही वजह है कि विश्लेषकों का कहना है कि ऐसे परिवेश में आय अनुमान की भविष्यवाणी करना बेहद चुनौतीपूर्ण है।

First Published : July 16, 2020 | 11:52 PM IST