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आईपीओ में शेयर न पाने वाले पॉलिसीधारक खरीदेंगे एलआईसी के शेयर

Last Updated- December 11, 2022 | 6:56 PM IST

बीएस बातचीत
बीमा दिग्गज भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के शेयर मंगलवार को एक्सचेंजों पर 8 फीसदी से ज्यादा की गिरावट पर सूचीबद्ध हुए। एलआईसी के चेयरपर्सन एमआर कुमार ने सुब्रत पांडा को दिए साक्षात्कार में बीमा दिग्गज की सूचीबद्धता, प्रॉडक्ट्स व वितरण रणनीति को लेकर योजना और लाभ में इजाफा करने के इरादे आदि के बारे में बातचीत की। मुख्य अंश…
इश्यू प्राइस से कम पर सूचीबद्धता को आप कैसे देखते हैं?
बाजार काफी अस्तव्यस्त था और हम ज्यादा भाव पर सूचीबद्धता की उम्मीद भी नहींं कर रहे थे। लेकिन इसमें तेजी आएगी और मुझे भरोसा है कि आईपीओ में आवंटन न पाने वाले काफी लोग (खास तौर से पॉलिसीधारक) इस शेयर को खरीदेंगे। ऐसे में मुझे इसके ज्यादा समय तक सुस्त रहने का कोई कारण नजर नहीं आ रहा है।
एलआईसी के शेयर सूचीबद्ध हो गए हैं, ऐसे में डिस्क्लोजर के नियमों का पालन करने के लिए कंपनी ने कैसी तैयारी की है?
हम तैयार हैं। हमने बाजार से लोगों की नियुक्ति की है, हमारे पास मुख्य वित्त अधिकारी, निवेशक संबंध प्रमुख हैं, जिनकी नियुक्ति बाजार से की गई है। हमने व्यवस्था बना दी है, हमारे पास आईटी का अच्छा ढांचा है, ऐसे में डिस्क्लोजर को लेकर कोई दिक्कत नहीं है। वास्तव में हमारा डीआरएचपी डिस्क्लोजर वाले सबसे अच्छे दस्तावेजों में एक रहा है, जैसा कि मुझे बताया गया है।

आईपीओ में एफआईआई की भागीदारी कम थी। इसकी क्या वजह रही?
वैश्विक स्तर पर रहे सेंटिमेंट के कारण ऐसा हुआ। इसने वास्तव में भारतीय बाजारों को परखा है। हमें लगता है कि आपको इसे दूसरे नजरिये से देखना चाहिए। बिना एफआईआई के क्या अन्य आईपीओ ने ऐसा प्रबंधन किया है? पॉलिसीधारकों की श्रेणी में मिले छह गुना आवेदन ने काफी बदलाव किया।

आगे की आपकी क्या योजना है?
हम पहले ही नॉन-पार प्रोटेक्शन व गारंटीड प्रॉडक्ट उतारे हैं। पिछले साल की आखिरी तिमाही में इसे लोगों ने खरीदा है। आने वाले समय में हम इन योजनाओं की बिक्री तेजी से करेंगे और कुछ नए प्रॉडक्ट भी उतारेंगे। हम किसी प्रॉडक्ट पर जोर नहींं दे सकते क्योंंकि सबकुछ ग्राहकों की जरूरत पर निर्भर करता है। हम गारंटीड रिटर्न प्लान पर जोर देना चाहेंगे, जिसमें काफी लाभ है क्योंंकि यह हमारे वीएनबी मार्जिन में इजाफा करेगा।

आप अपने बैंकएश्योरेंस व डिजिटल डिस्ट्रिब्यूशन चैनल को कैसे आगे बढ़ाएंगे?
हमारे पास अलग डिजिटल मार्केटिंग चैनल होगा। हम बैंकएश्योरेंस के मोर्चे पर कारोबार बढ़ाने जा रहे हैं। हमारे पास सबसे ज्यादा बैंक आउटलेट्स हैं, 60 हजार से ज्यादा। बैंंकएश्योरेंस का हमने अभी दोहन नहीं किया है। नॉन-पार प्रॉडक्ट्स बेचने में बैंक खुद को सहज पा रहे हैं, ऐसे में हम जब ऐसा करना शुरू करेंगे तो हम अच्छी बढ़त हासिल करने मेंं सक्षम होंगे। हमने अभी किसी बड़े बैंक से बातचीत नहीं की है। वास्तव में गठजोड़ पहले से ही है, जिसे इस्तेमाल करने की दरकार है। हम इस पर भी विचार कर रहे हैं कि क्या हमारा अलग डिजिटल प्लेटफॉर्म भी होना चाहिए? हमने बैंकएश्योरेंस चैनल में दो अतिरिक्त कार्यकारी निदेशक लगाए हैं।

आईडीबीआई बैंक के मोर्चे पर कुछ तय हुआ, आप कितनी हिस्सेदारी रखेंगे?
आरबीआई और बीमा नियामक ने हमें बैंंक में हिस्सेदारी घटाने के लिए समय दिया है। हम अभी भी समयसीमा के दायरे में हैं। ऐसे में हड़बड़ाने की बात नहीं है। आईडीबीआई बैंक के विनिवेश पर सरकार को फैसला लेना है। जब सरकार फैसला लेगी तब हम देखेंगे कि क्या करना है।

निजी कंपनियों के हाथों गंवा रही बाजार हिस्सेदारी को रोकने की क्या योजना है?
अगर हम तेज गति से बढ़त हासिल करेंगे तो हम हिस्सेदारी वापस पा लेंगे। लेकिन हमारा आधार बड़ा है। ऐसे में अगर हमारी रफ्तार थोड़ी धीमी रही और बाजार हिस्सेदारी का नुकसान होता है तो इसका तब तक कोई मतलब नहीं है जब तक हम बढ़त हासिल कर रहे हैं। अगर आप वैश्विक देशों में देखें तो सरकारी कंपनियों ने एक दशक में बाजार हिस्सेदारी 50 फीसदी से ज्यादा गंवाई है। हम अभी भी 63 फीसदी पर हैं, ऐसे में अगर हम अच्छी बढ़त के साथ बने रहते हैं तो यह काफी उपयोगी होगा। पिछले दो महीने मेंं हमने बाजार हिस्सेदारी में बढ़त हासिल की है। कुछ महीनों में हम बाजार हिस्सेदारी दोबारा हासिल कर सकते हैं।

First Published - May 18, 2022 | 12:46 AM IST

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