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व्यक्तिगत गारंटी से वसूली बढ़ेगी

आईबीसी की व्यक्तिगत गारंटर संवैधानिकता बरकरार, रिकवरी दर में सुधार की उम्मीद

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आतिरा वारियर   
Last Updated- November 20, 2023 | 10:41 PM IST

दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत व्यक्तिगत गारंटरों से रिकवरी की दर अभी 5.22 प्रतिशत है, जिसके उच्चतम न्यायालय (एससी) के नियम के बाद बढ़ने की संभावना है। केयरएज रेटिंग्स ने कहा है कि न्यायालय ने व्यक्तिगत गारंटरों के दिवाला समाधान के सिलसिले में आईबीसी की संवैधानिकता की पुष्टि की है।

उच्चतम न्यायालय ने व्यक्तिगत गारंटरों के ऋणशोधन समाधान को लेकर आईबीसी प्रावधानों की संवैधानिकता बरकरार रखी है और इसकी कानूनी वैधता को चुनौती देने वाली 200 ज्यादा याचियों का अनुरोध खारिज कर दिया है।

इस नियम में कहा गया है कि गारंटरों की व्यक्तिगत संपत्ति का इस्तेमाल कर्जदाताओं के बकाया ऋण के भुगतान में हो सकेगा।

वित्त वर्ष 2019-2020 और वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही के बीच दायर कुल मामलों में सिर्फ 21 मामलों में पुनर्भुगतान योजना को मंजूरी मिल पाई और 91.27 करोड़ रुपये जुटाए गए, जो मंजूर किए गए उनके दावों का 5.22 प्रतिशत है। वहीं रिपोर्ट में कहा गया है कि 62 मामले या तो वापस ले लिए गए, खारिज कर दिए गए या रद्द कर दिए गए।

रेटिंग एजेंसी के विश्लेषकों ने यह भी पाया कि कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) में देरी बढ़ रही है। सितंबर2023 में सीआईआरपी में 67 प्रतिशत मामलों के पूरी होने की प्रक्रिया में 270 दिन से ज्यादा देरी हुई है, जबकि सितंबर 2022 में यह 63 प्रतिशत थी।

First Published : November 20, 2023 | 10:41 PM IST