कॉरपोरेट जगत इक्विटी लाभांश और शेयर पुनर्खरीद के जरिये अपने शेयरधारकों को भविष्य में विकास के लिए अपने व्यवसाय के लिए पुन: निवेश के मुकाबले अब ज्यादा भुगतान कर रहा है। वित्त वर्ष 2022 में गैर-सूचीबद्ध कंपनियों ने अपने शेयरधारकों को लाभांश और शेयर पुनर्खरीद के जरिये 3.05 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया, लेकिन निर्धारित परिसंपत्तियों में निवेश का आंकड़ा सिर्फ 1.12 लाख करोड़ रुपये रहा।
वित्त वर्ष 2022 में निर्धारित परिसंपत्तियों में निवेश सालाना आधार पर 49.1 प्रतिशत घट गया, जबकि शेयरधारकों के लिए कुल भुगतान सालाना आधार पर 18.8 प्रतिशत तक बढ़ गया था।वित्त वर्ष 2022 लगातार ऐसा दूसरा वर्ष था, जब शेयरधारक भुगतान निर्धारित परिसंपत्तियों में सालाना निवेश को पार कर गया।
वित्त वर्ष 2021 में, बिजनेस स्टैंडर्ड के नमूने में शामिल सूचीबद्ध कंपनियों ने अपने शेयरधारकों को 2.56 लाख करोड़ रुपये चुकाए, जबकि उन्होंने वर्ष के दौरान निर्धारित परिसंपत्तियों में 2.2 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया।
यह विश्लेषण उन 955 कंपनियों के सामान्य नमूने के सालाना लाभ/ननुकसान और बैलेंस शीट पर आधारित है, जो बीएसई-500, बीएसई मिडकैप, और बीएसई स्मॉलकैप सूचकांकों में शामिल हैं। इस नमूने यानी सैम्पल में बैंक, गैर-वित्तीय कंपनियां, बीमा और स्टॉक एवं कमोडिटी ब्रोकर शामिल नहीं हैं। इस नमूने में सूचीबद्ध होल्डिंग और परिचालन कंपनियों की सूचीबद्ध सहायक इकाइयां भी शामिल नहीं हैं। सभी आंकड़े समेकित आधार पर और वित्त वर्ष 2022 में कंपनियों द्वारा दर्ज आंकड़ों पर केंद्रित हैं।
विश्लेषकों को जल्द इस रुझान में बदलाव आने के आसार नहीं हैं, क्योंकि कई तरह की वृहद आर्थिक समस्याएं हैं जिनका कंपनियों को मौजूदा समय में सामना करना पड़ रहा है।
जेएम फाइनैंस इंस्टीट्यूशनल इक्विटी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य रणनीतिकार धनंजय सिन्हा का कहना है, ‘शेयरधारकों के लिए भुगतान मौजूदा वर्ष में भी ऊंचा बना रहेगा। राजस्व वृद्धि में अधिक उतार-चढ़ाव के साथ घरेलू और वैश्विक अर्थव्यवस्था में काफी अनिश्चितता बनी हुई है।’
बीएस नमूने में गैर-वित्तीय कंपनियों का संयुक्त शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2022 में सालाना आधार पर 63.5 प्रतिशत तक बढ़कर 7.18 लाख करोड़ रुपये की सर्वाधिक ऊंचाई पहुंच गया, जो एक साल पहले के 4.39 लाख करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2019 में महामारी से पहले के 4.31 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े से अधिक था। तुलनात्मक तौर पर कंपनियों की संयुक्त शुद्ध बिक्री सालाना आधार पर 31.1 प्रतिशत तक बढ़कर पिछले वित्त वर्ष 87 लाख करोड़ रुपये पर रही।
वित्त वर्ष 2022 में कुल लाभांश भुगतान उस वर्ष में कॉरपोरेट लाभ के 42.4 प्रतिशत के बराबर था, जबकि ताजा पूंजीगत खर्च पिछले वित्त वर्ष के 15.6 प्रतिशत पर था। तुलनात्मक तौर पर लाभांश भुगतान अनुपात वित्त वर्ष 2021 में 58.4 प्रतिशत था, जबकि इसमें से आधी आय नए पूंजीगत खर्च से संबंधित थी।
अपने शेयरधारकों को अधिक लाभांश चुकाने के साथ साथ कंपनियों ने अपने नकदी आरक्षण बढ़ाने और बैलेंस शीट मजबूत को कर्जमुक्त बनाने के लिए बढ़ती आय का इस्तेमाल किया। नमूने में संयुक्त नकदी और बैंक बैलेंस सालाना आधार पर 13.4 प्रतिशत तक बढ़कर पिछले वित्त वर्ष 7.54 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
