सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के शेयरों पर मंगलवार को दबाव देखने को मिला और नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर निफ्टी पीएसयू बैंक सूचकांक में 5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। यह 11 महीनों में सबसे तेज एकदिवसीय गिरावट है।
इससे पहले 4 जून 2024 को लोकसभा चुनाव के नतीजों वाले दिन निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स एक ही दिन में 15 फीसदी गिर गया था। मंगलवार को सरकारी बैंकों के शेयरों में तेज गिरावट इस खबर के बाद हुई जब बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने मार्च 2025 में समाप्त तिमाही में शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) में सालाना आधार पर 6.6 फीसदी की गिरावट की सूचना दी ।
उदाहरण के लिए मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के विश्लेषकों को उम्मीद थी कि बीओबी का एनआईआई 11,660 करोड़ रुपये (सालाना आधार पर 1 फीसदी की गिरावट) रहेगा। इस बीच, सरकार के स्वामित्व वाले बैंक का शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 3.3 फीसदी की बढ़त के साथ 5,048 करोड़ रहा ।
एमओएफएसएल में शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, बैंक ऑफ बड़ौदा के कमजोर आंकड़ों के कारण निफ्टी पीएसयू सूचकांक गिरा जिससे बिक्री का दबाव बढ़ा। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के आगामी ब्याज दर निर्णय पर अनिश्चितता के कारण भी बाजार में अस्थिरता बढ़ गई। विश्लेषकों ने कहा कि शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले ने भूषण पावर ऐंड स्टील के लिए जेएसडब्ल्यू स्टील की 2019 की समाधान योजना को खारिज करते हुए इसे अवैध घोषित कर दिया और बीपीएसएल की परिसंपत्तियों के परिसमापन का आदेश दिया। इससे भी मंगलवार को कुछ हद तक धारणा पर असर पड़ा।