म्युचुअल फंडों (एमएफ) की कमीशन-मुक्त प्रत्यक्ष योजनाओं की जहां लोकप्रियता बढ़ रही है, वहीं फंड वितरण कारोबार भी लगातार फल-फूल रहा है।
2024-25 में लगभग 3,150 प्रमुख वितरकों ने कमीशन के तौर पर 21,107 करोड़ कमाए और अधिकांश बड़े वितरकों ने आय में भारी उछाल की सूचना दी।
भारतीय स्टेट बैंक, एनजे इंडियाइन्वेस्ट, प्रूडेंट कॉरपोरेट एडवाइजरी सर्विसेज, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक इस चार्ट में शीर्ष पर रहे और उन्होंने सामूहिक रूप से वित्त वर्ष 2025 में 6,775 करोड़ रुपये कमाए। एनजे और प्रूडेंट वित्तीय योजनाओं के राष्ट्रीय वितरक हैं जिनका देशभर में व्यापक सब ब्रोकर नेटवर्क है।
पिछले वित्त वर्ष (2023-24) में एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया ने लगभग 2,500 प्रमुख वितरकों की कुल कमीशन आय 14,850 करोड़ रहने का अनुमान लगाया था। 2022-23 में 1,781 वितरकों ने 12,071 करोड़ कमाए थे।
वितरकों का कमीशन उनके क्लाइंटों की योजनाओं की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों (एयूएम) से जुड़ा होता है। इसलिए भुगतान में इजाफा योजना परिसंपत्तियों के मूल्य में उतार-चढ़ाव और वितरकों द्वारा लाए गए निवेश दोनों पर निर्भर करता है। एम्फी चुनिंदा वितरकों को वितरित आय जारी करता है, जो एयूएम, शाखा नेटवर्क और अर्जित कमीशन पर आधारित होती है।