देश के बड़े म्युचुअल फंड और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) अदाणी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) की एंकर श्रेणी में आवंटन चाह रहे हैं। निवेश बैंकरों ने कहा कि एंकर श्रेणी में आपूर्ति के मुकाबले शेयरों की मांग ज्यादा रहने की संभावना है।
अदाणी एंटरप्राइजेज की एफपीओ कमेटी बुधवार तक एंकर आवंटन को अंतिम रूप दे सकती है, जहां 6,000 करोड़ रुपये तक के शेयरों का आवंटन पात्र संस्थागत खरीदारों को किया जा सकता है।
अदाणी एंटरप्राइजेज का एंकर बुक पेटीएम के बाद देसी शेयरों की बिक्री के लिहाज से दूसरा सबसे बड़ा होगा। आरंभिक सार्वजनिक निर्गम या एफपीओ के खुलने से एक दिन पहले एंकर आवंटन इसमें भागीदारी में दिलचस्पी रखने वाले अन्य निवेशकों को कुछ संकेत उपलब्ध कराता है। बड़ा विशाखित एंकर बुक निवेशकों को सकारात्मक संकेत देता है।
इस शेयर बिक्री का कामकाज संभाल रहे एक निवेश बैंकर ने कहा, एफपीओ रोडशो के दौरान मिली प्रतिक्रिया काफी सकारात्मक रही है। ये चीजें एंकर बुक में प्रतिबिंबित होंगी।
अदाणी एंटरप्राइजेज ने एफपीओ में शेयरों का कीमत दायरा 3,112 से 3,276 रुपये प्रति शेयर तय किया है। कंपनी का शेयर शुक्रवार को 3,456 रुपये पर बंद हुआ। पिछले महीने अदाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 15 फीसदी टूटा। हालांकि पिछले तीन साल में इनमें 15 गुने की उछाल आई है और एक साल पहले के मुकाबले यह दोगुना हुआ है।
अदाणी समूह के मुख्य वित्त अधिकारी जुगशिंदर सिंह ने कहा कि पिछले पांच साल में कंपनी निवेशक समुदाय को अच्छी तरह से संदेश देने में सक्षम नहीं रही। उन्होंने कहा, विशाखित निवेशक आधार आकर्षित करने के इरादे से एफपीओ उतारा जा रहा है।
सूत्रों ने कहा कि 15 अग्रणी फंड हाउस में से अधिकांश एफपीओ में आवेदन कर सकते हैं। इसी तरह बड़े एफपीआई व सॉवरिन वेल्थ फंड भी आवेदन कर सकते हैं।
एक फंड मैनेजर ने कहा, ज्यादातर बड़े फंडों की तरफ से कम निवेश की चिंता दूर करने के लिए एफपीओ अच्छा मौका है। देसी व वैश्विक निवेशक अदाणी समूह की कंपनियों में आई भारी तेजी में भागीदारी नहीं कर पाए थे।
म्युचुअल फंडों ने मोटे तौर पर अदाणी समूह के शेयरों से इस चिंता में दूरी बनाए रखी कि इसका मूल्यांकन ज्यादा है और लिवरेज भी अधिक है। सितंबर 2022 में अदाणी एंटरप्राइजेज में म्युचुअल फंडों का निवेश महज 1.27 फीसदी था, जो इंडेक्स फंडों व ईटीएफ के जरिए हुआ था। दिसंबर 2022 में 25 अग्रणी फंड हाउस की किसी ऐक्टिव योजनाओं का अदाणी एंटरप्राइजेज में बड़ा निवेश नहीं था।
इसकी तुलना में म्युचुअल फंडों के पास जुलाई-सितंबर (2022-23) की तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज की 5.7 फीसदी हिस्सेदारी थी। एक फंड मैनेजर ने कहा, हमें अभी भी सतर्क रहना होगा। ज्यादातर तेजी पहले ही अदाणी समूह के शेयरों पर अपना असर दिखा चुका है।