Neutral rating Stocks: मोतीलाल ओसवाल की ताज़ा रिपोर्ट में ज़ाइडस लाइफसाइंसेज़, पेट्रोनेट एलएनजी, आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर और क्वेस कॉर्प – इन चारों कंपनियों पर ‘न्यूट्रल’ यानी संतुलित रेटिंग दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, इन कंपनियों ने हालिया तिमाही में कई मोर्चों पर अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन आने वाले समय में तेज़ ग्रोथ या बड़ा मुनाफा मिलने की उम्मीद बहुत ज़्यादा नहीं है। इसलिए ब्रोकरेज ने इनमें से किसी भी शेयर को खरीदने की सीधी सलाह नहीं दी है। निवेशकों को इन स्टॉक्स में स्थिरता दिख रही है, लेकिन रिटर्न के मामले में इनसे बहुत ज़्यादा उम्मीद नहीं की जा सकती।
मौजूदा प्राइस (CMP): ₹882 | टारगेट प्राइस (TP): ₹930 | रेटिंग: न्यूट्रल
मार्च तिमाही में ज़ाइडस ने अमेरिकी बाज़ार और कंज़्यूमर हेल्थ डिविज़न में ज़बरदस्त बिक्री की। खासकर g-Myrbetriq जैसी दवाओं ने अमेरिकी कारोबार को 363 मिलियन डॉलर तक पहुंचा दिया। कंपनी का कंज़्यूमर वेलनेस बिज़नेस भी ₹900 करोड़ से ज़्यादा की बिक्री कर सका, जो अब तक की सबसे ऊंची तिमाही रही। घरेलू फार्मा कारोबार में भी कंपनी ने अच्छी पकड़ बनाई है।
हालांकि, FY26 के लिए कंपनी के कमाई अनुमान को घटाया गया है। इसकी वजह है इनोवेटिव दवाओं पर ज़्यादा खर्च, प्रमुख प्रोडक्ट्स में कंपटीशन और बढ़ते प्रमोशनल खर्च। पिछले दो साल में कंपनी की कमाई में तेज़ उछाल देखने को मिला था, लेकिन आगे इस रफ्तार के कम होने की आशंका जताई गई है। चूंकि कंपनी का वैल्यूएशन पहले से ऊंचा है, इसलिए ब्रोकरेज ने इसमें कोई नई खरीद की सलाह नहीं दी और ‘न्यूट्रल’ रेटिंग बरकरार रखी।
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मौजूदा प्राइस: ₹317 | टारगेट प्राइस: ₹315 | रेटिंग: न्यूट्रल
पेट्रोनेट एलएनजी ने मार्च तिमाही में कुछ हद तक बेहतर प्रदर्शन किया, खासकर जब ₹230 करोड़ की पुरानी ‘use-or-pay’ रकम को रिवर्स किया गया। इससे कंपनी का ऑपरेटिंग मुनाफा अनुमानों से ऊपर निकला। लेकिन अगर इस एक बार की रकम को हटा दें, तो असल प्रदर्शन औसत ही रहा।
तिमाही के दौरान कुल गैस वॉल्यूम में गिरावट रही, और दहेज टर्मिनल की क्षमता का उपयोग भी कम हुआ। कोच्चि टर्मिनल की स्थिति पहले से थोड़ी सुधरी है। कंपनी की आगे की ग्रोथ अब दहेज के विस्तार और कोच्चि से जुड़ी पाइपलाइन के चालू होने पर टिकी है। हालांकि बार-बार ‘use-or-pay’ रकम को लेकर उलझन और ट्रांसपेरेंसी की कमी से ब्रोकरेज सतर्क है। इसी वजह से रिपोर्ट में इसमें निवेश को लेकर कोई खास जोश नहीं दिखाया गया है और रेटिंग को ‘न्यूट्रल’ रखा गया।
मौजूदा प्राइस: ₹50 | टारगेट प्राइस: ₹50 | रेटिंग: न्यूट्रल
IRB इंफ्रास्ट्रक्चर ने इस तिमाही में उम्मीद के मुताबिक मुनाफा दिखाया, और उसका टोल कलेक्शन और इंविट यूनिट्स से होने वाली कमाई स्थिर रही है। हालांकि कंस्ट्रक्शन रेवेन्यू में गिरावट देखने को मिली। कंपनी की ऑर्डर बुक फिलहाल ₹30,500 करोड़ के स्तर पर है, जिससे निकट भविष्य में आमदनी बनी रहने की उम्मीद है।
मार्च तिमाही में कंपनी को कोई नया बड़ा प्रोजेक्ट नहीं मिला, लेकिन सरकार की BOT और TOT स्कीमें आगे चलकर कंपनी के लिए फायदे का सौदा बन सकती हैं। फिर भी, जब तक कंस्ट्रक्शन रेवेन्यू और ऑर्डर इनफ्लो में मज़बूती नहीं आती, तब तक कंपनी से तेज़ रिटर्न की उम्मीद नहीं की जा सकती। इसी वजह से ब्रोकरेज ने इसे भी ‘न्यूट्रल’ कैटेगरी में ही रखा है।
मौजूदा प्राइस: ₹339 | टारगेट प्राइस: ₹360 | रेटिंग: न्यूट्रल
क्वेस कॉर्प की तिमाही आमदनी में थोड़ी गिरावट आई, खासकर जनरल स्टाफिंग सेगमेंट में, जहां एक बड़ी NBFC क्लाइंट के कंपनी से हटने का असर दिखा। फिर भी मुनाफा 31% बढ़ा, जो कंपनी की लागत पर कंट्रोल और दूसरे सेगमेंट्स से बेहतर परफॉर्मेंस को दिखाता है।
कंपनी अब प्रोफेशनल स्टाफिंग को प्राथमिकता दे रही है, जिसमें ग्लोबल कैप्टिव सेंटर्स (GCC) से 70% तक आमदनी आती है। IT सेक्टर की कमजोर मांग के बावजूद क्वेस का यह फोकस उसे अन्य प्लेयर्स से अलग बनाता है। इसके साथ ही, डिमर्जर प्लान और टैक्स विवादों के चलते कुछ अनिश्चितता बनी हुई है। अंतरराष्ट्रीय बिज़नेस (जैसे सिंगापुर में वीज़ा संकट) से भी जोखिम बना हुआ है। FY26 तक कंपनी का मार्जिन 2% तक पहुंचाने का टारगेट है, लेकिन जब तक इसमें साफ़ सुधार नहीं दिखता, ब्रोकरेज ने इसे लेकर भी ‘न्यूट्रल’ रुख अपनाया है।
डिस्क्लेमर: यह खबर ब्रोकरेज की रिपोर्ट के आधार पर है, निवेश संबंधित फैसले लेने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।