फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में 75 आधार अंकों की बढ़ोतरी के बाद गुरुवार को अमेरिकी बाजारों में कमजोरी के आसार हैं। फेड ने महंगाई पर लगाम कसने के लिए आगे ब्याज दरों में और बढ़ोतरी का संकेत दिया है।
यूरोप में केंद्रीय बैंक भी इसी राह पर चल रहे हैं और वहां स्विटजरलैंड ने गुरुवार को ब्याज दरों में अचानक बढ़ोतरी कर दी, जो करीब एक साल से अपरिवर्तित था। बैंक ऑफ इंगलैंड ने भी ब्याज दरों में इजाफा किया है।
डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल फ्यूचर्स 1.7 फीसदी टूट गया और एसऐंडपी फ्यूचर में भी 2.1 फीसदी की गिरावट आई।
यूरोपीय बेंचमार्क और ज्यादातर एशियाई बाजार भी टूटे क्योंकि तेल की कीमत का भी इस पर असर पड़ा।
फेड की ब्याज बढ़ोतरी के बाद न्यूयॉर्क में बुधवार दोपहर शेयरों में तेजी आई थी, जो 1994 के बाद की सबसे बड़ी बढ़ोतरी है क्योंकि निवेशकों ने शुरू में फेड चेयरमैन जीरोम पॉवेल की टिप्पणी से संकेत लिया, जो बताता है कि भविष्य में ब्याज दरों में कम बढ़ोतरी हो सकती है। लेकिन अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि उच्च महंगाई को देखते हुए यह बढ़त अल्पावधि की ही हो सकती है।
बैंक ऑफ इंगलैंड ने गुरुवार को ब्याज दरों में 25 आधार अंकों का इजाफा किया। यह ब्रिटिश केंद्रीय बैंक की तरफ से दिसंबर के बाद ब्याज दरों में पांचवीं बढ़ोतरी है, जिसने मुख्य दरों को 1.25 फीसदी पर पहुंचा दिया है।
स्विस नैशनल बैंक ने ब्याज दरों में आधा फीसदी का इजाफा किया है। ताइवान के केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरें 0.125 आधार अंक बढ़ाकर 1.5 फीसदी कर दी है।
एसपीआई ऐसेट मैनेजमेंट के स्टीफंस इन्स ने कहा, एफओएमसी ने अपना रुख सामने कर दिया है और हम अन्य केंद्रीय बैंकों की तरफ से आक्रामक ब्याज बढ़ोतरी देख सकते हैं।
फ्रांस का सीएसी 40 भी 2 फीसदी टूटा जबकि जर्मनी का डैक्स 2.7 फीसदी और ब्रिटेन का एफटीएसई 100, 2.3 फीसदी लुढ़क गया।
एशियाई कारोबार में जापान के बेंचमार्क निक्केई 225 में 0.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह 26,431.20 पर बंद हुआ।
ऑस्ट्रेलिया के पी-एएसएक्स 200 ने शुरुआती बढ़त गंवा दी और करीब 0.2 फीसदी टूटकर 6,591.10 पर आ गया।
दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.2 फीसदी चढ़कर 2,451.41 पर पहुंचा। हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग 2.2 फीसदी फिसलकर 20,845.43 पर बंद हुआ, वहीं शांघाई कम्पोजिट 0.6 फीसदी फिसलकर 3,285.38 पर आ गया।
बैंक ऑफ जापान की दो दिन की नीतिगत बैठक शुरू हो गई है, जो शुक्रवार को खत्म होगी। जापानी केंद्रीय बैंक येन में गिरावट को लेकर दबाव में है।
निवेशक येन की बिकवाली कर डॉलर की खरीद कर रहे हैं क्योंकि उन्हें लग रहा है कि डॉलर वाली होल्डिंग में ज्यादा प्रतिफल मिलेगा। जापान के राजनेता और केंद्रीय बैंक प्रमुख ने घटते येन पर चिंता जताई है, लेकिन नीति में कोई नाटकीय बदलाव शायद नहीं होगा।
इस साल बॉन्ड से लेकर बिटकॉइन तक, यानी हर तरह के निवेश पर गिरावट देखने को मिली है क्योंकि उच्च महंगाई केंद्रीय बैंकों को इस पर लगाम कसने के लिए बाध्य कर रहे हैं, जिसने अर्थव्यवस्थाओं को महामारी से सुधरने बाधा खड़ी की है। यूक्रेन युद्ध ने संकट और बढ़ा दिया है।