बाजार 2022 में बीच बीच में आर्ई गिरावट के बावजूद 15-20 प्रतिशत की तेजी पर कारोबार कर रहा है और इसलिए अगले वर्ष इसमें ठहराव देखा जा सकता है। यूटीआई एएमसी में इक्विटी प्रमुख अजय त्यागी ने अभिषेक कुमार के साथ बातचीत में यह भी बताया कि निवेशकों को आगामी बजट से ज्यादा उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:
2023 में इक्विटी बाजार से हमें क्या उम्मीद रखनी चाहिए?
यह समेकन का वर्ष हो सकता है, जिसकी वजह यह है कि बाजार दीर्घावधि औसत के मुकाबले 15-20 प्रतिशत की तेजी पर कारोबार कर रहा है। इसके अलावा वैश्विक जीडीपी वृद्धि कमजोर रहने के आसार हैं और इसका हमारी वृद्धि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
बाजार वर्ष 2022 में समय-आधारित गिरावट से गुजरा। क्या अब इसमें मदद नहीं मिलेगी?
एक साल पहले, बाजार दीर्घावधि औसत के मुकाबले करीब 30 प्रतिशत की तेजी पर कारोबार कर रहा था। एक-वर्षीय पीई 22-23 गुना की ऊंचाई पर पहुंच गया। पिछले एक साल में, मूल्यांकन गिरा है, लेकिन हम अभी भी औसत मूल्यांकन पर नहीं पहुंचे हैं।
एमएफ निवेशकों ने मुनाफावसूली की है, क्योंकि बाजार ने नवंबर में नई ऊंचाइयों को छुआ। क्या उन्होंने सही निर्णय लिया?
जब बाजार इतने ऊंचे स्तर पर पहुंचें तो इक्विटी जोखिम घटाने के लिहाज से मुनाफावसूली उचित है, खासकर ऐसे लोगों के लिए, जो कम से कम 4-5 साल से निवेश से जुड़े हुए हों और अच्छा मुनाफा भी मिल रहा हो। हालांकि आपको पूरी तरह से इक्विटी से बाहर नहीं हो जाना चाहिए और बाजार में अच्छी तेजी का इंतजार करना चाहिए। यह जोखिम वाला दांव है।
क्या आप भविष्य में वित्त पर उत्साहित बने रहेंगे और कौन से क्षेत्रों को ज्यादा पसंद करेंगे?
वित्तीय क्षेत्र में अवसर अल्पावधि नजरिये से अच्छे नजर आ रहे हैं। वित्त में, हम निजी क्षेत्र के बैंकों पर सकारात्मक हैं, क्योंकि भारत में इनकी लोकप्रियता बरकरार है। यदि मूल्यांकन सहज स्तर से ऊपर जाता है तो हम इन्हें लेकर सतर्कता बरत सकते हैं। रिस्क-रिटर्न के नजरिये से, आईटी और हेल्थकेयर जैसे क्षेत्र भी मूल्यांकन और दीर्घावधि संभावनाओं के लिहाज से आकर्षक हैं।
क्या आप मानते हैं कि बजट से इक्विटी निवेशकों में उत्साह पैदा होगा?
चूंकि राजकोषीय मोर्चे पर सरकार के हाथ बंधे हुए हैं, इसलिए बजट में ज्यादा विस्तार की कम संभावना है। बजट ऐसा घटनाक्रम नहीं है जिससे बाजार को स्पष्ट दिशा मिल सके। इससे उत्साह बढ़ सकता है, जो कुछ सप्ताह तक बना रह सकता है। बाजार उतार-चढ़ाव विभिन्न उद्योगों और उनके आगामी परिदृश्य पर आधारित है।
निवेशकों के लिए आपका क्या सुझाव है?
निवेशकों को इक्विटी में कई तरह के फंडों को रखने की जरूरत होगी। बाजार पूंजीकरण के संदर्भ में हम उनके लिए लार्जकैप फंडों, मिडकैप और फ्लेक्सीकैप योजनाओं में आवंटन चाहेंगे। निवेश विविधता पर भी जोर दिया जाना चाहिए ताकि वे बाजार के किसी एक सेगमेंट का लाभ उठाने से चूक न जाएं।
क्या आप मानते हैं कि भारत और अमेरिका, दोनों में टेक्नोलॉजी शेयरों में गिरावट समाप्त हो चुकी है?
यह कहना मुश्किल है कि गिरावट का दौर समाप्त हो गया है। मुख्य बात यह है कि कई सकारात्मक कारकों का असर इन शेयरों में दिखा था जो पिछले 12 महीनों में बदला है। मैं नहीं मानता कि इन शेयरों में बॉटम आउट हो चुका है या नहीं, लेकिन वे निश्चित तौर पर आकर्षक मूल्यांकन पर कारोबार कर रहे हैं। इसके अलावा मुझे अगले 3-5 साल में उनकी ढांचागत वृद्धि में किसी तरह की कमजोरी की भी आशंका नहीं दिख रही है।
2021 में सूचीबद्ध हुईं नए जमाने की कंपनियों का प्रदर्शन कैसा है?
इनमें से कुछ बड़ी कंपनियां बनकर उभरेंगी। सभी यूनिकॉर्न आगामी वर्षों में सूचीबद्धता पर जोर देंगे, क्योंकि उनके निवेशकों को कुछ समय में निकलने की जरूरत होगी। इनमें से कुछ, मजबूत मॉडल वाली कंपनियां होंगी, जो निवेशकों के लिए मूल्य पैदा करेंगी। चूंकि इनमें से कई कंपनियां मुनाफे में नहीं हैं, इसलिए इनकी पहचान यह समझकर की जा सकती है कि क्या वे ग्राहकों की समस्या का समाधान निकाल पा रही हैं या नहीं, क्या उनका बिजनेस मॉडल लाभकारी बन सकता है और क्या उनके संस्थापक व्यवसाय को लेकर उत्साहित हैं।