Stock Market: रिलायंस इंडस्ट्रीज और वाहन क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों के शेयरों में बढ़ोतरी के अलावा आय की उम्मीदें बढ़ने से बेंचमार्क सूचकांक लगातार दूसरे दिन नई ऊंचाई को छू गए। सेंसेक्स 494 अंकों की बढ़त के साथ 74,743 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी ने 153 अंकों के इजाफे के साथ 22,666 पर कारोबार की समाप्ति की। 1.75 फीसदी चढ़ने वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सेंसेक्स और निफ्टी की बढ़त में सबसे ज्यादा योगदान किया। इसके बाद एलऐंडटी और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा का स्थान रहा जिनमें क्रम से 1.9 फीसदी व 3.2 फीसदी का इजाफा हुआ।
विश्लेषकों ने कहा कि परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) के मजबूत आंकड़ों के अलावा अन्य आर्थिक संकेतकों के कारण भी निवेशकों ने देसी इक्विटी बाजारों पर तेजी का नजरिया अपनाया। साथ ही आर्थिक व राजनीतिक स्थिरता निवेशकों को तात्कालिक आधार से आगे देखने को प्रोत्साहित कर रहा है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीईओ धीरज रेली ने कहा कि वित्त वर्ष 2024 में शानदार प्रदर्शन के बाद भारतीय इक्विटी बाजारों का नई ऊंचाई पर बढ़ना जारी है। आगामी लोक सभा चुनाव में अनुकूल नतीजों की उम्मीद और उसके बाद नीतिगत निरंतरता जारी रहने की सकारात्मकता से मनोबल ऊंचा बना हुआ है। व्यापक बाजार भी बेहतरी की राह पर है। हालांकि निवेशकों को स्मॉल और मिडकैप में निवेश के समय सावधानी बरतनी चाहिए और इनकी पर्याप्त जांच-परख करनी चाहिए।
बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी और अमेरिकी अर्थव्यवस्था की सुदृढ़ता के बीच निवेशकों ने ब्याज कटौती की उम्मीद घया दी हैं। इसके बाद भी भारतीय इक्विटी में बढ़ोतरी दर्ज हुई। पिछले हफ्ते अमेरिकी रोजगार के आंकड़े लगातार पांचवें महीने अनुमान से बेहतर रहे जो ब्याज दरों में कटौती के लेकर ऊहापोह का परिदृश्य दिखा रहे हैं।
मार्च में अमेरिकी रोजगार के आंकड़े करीब एक साल में सबसे ज्यादा बढ़े और बेरोजगारी की दर घटी जो अर्थव्यवस्था को गति देने वाले मजबूत श्रम बाजार का संकेत है। गैर-कृषि रोजगार के आंकड़े मार्च में बढ़कर 3.03 लाख हो गए जबकि बेरोजगारी की दर घटकर 3.8 फीसदी रह गई।
इस बीच, तेल पांच महीने के उच्चस्तर से उस समय नीचे आया जब इजरायल ने कहा कि वह गाजा से कुछ सेना हटाएगा। हालांकि इसकी तेल का कारोबार उच्चस्तर पर जारी है। सोमवार को ब्रेंट क्रूड 0.45 फीसदी की गिरावट के साथ 91.9 डॉलर पर कारोबार कर रहा था। बढ़ते भूराजनीतिक तनाव और आपूर्ति की चिंता के बीच हाल में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ी हैं। कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी भारत के लिए बुरी खबर है क्योंकि वह अपनी ऊर्जा जरूरतों का ज्यादातर हिस्सा आयात करता है।
आने वाले समय में यूरोपीय सेंट्रल बैंक की मौद्रिक नीति घोषणा, एफओएमसी के मिनट्स (जो बुधवार को जारी होंगे), दुनिया भर के आर्थिक आंकड़े और भारत और विदेश में तिमाही आय बाजार की दिशा तय करेंगे।
बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात मिला-जुला रहा। कुल 2,033 शेयर चढ़े जबकि 1,898 में गिरावट आई। सेंसेक्स के दो तिहाई शेयरों में बढ़ोतरी दर्ज हुई। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक 685 करोड़ रुपये के शुद्ध बिकवाल रहे जबकि देसी संस्थागत निवेशकों ने 3,471 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। वाहन क्षेत्र के शेयर सबसे ज्यादा चढ़े और इनका सेक्टर सूचकांक बीएसई पर 1.7 फीसदी चढ़ा जबकि बीएसई आईटी इंडेक्स में करीब आधा फीसदी की नरमी आई।