अपनी स्मॉलकैप फंड श्रेणी में 14,500 करोड़ रुपये का प्रबंधन करने वाला कोटक म्युचुअल फंड उन प्रतिस्पर्धियों में शुमार हो गया है जिन्होंने स्मॉलकैप फंडों में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए कुछ सीमाएं तय कर रखी हैं। निवेशक अब हर महीने 200,000 रुपये का अधिकतम एकमुश्त निवेश और एसआईपी के जरिये 25,000 रुपये महीने का निवेश कर सकते हैं।
निवेशकों को भेजे एक पत्र में फंड हाउस ने कहा है कि शेयर कीमतों में बड़ी तेजी, दुनियाभर में आगामी चुनाव और सूचीबद्ध क्षेत्र में नई स्मॉलकैप फर्मों की सीमित आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए ऐसी योजनाओं में निवेश सीमित करने के लिए बाध्य होना पड़ा है।
स्मॉलकैप सेगमेंट में छोटे निवेशकों का स्वामित्व बढ़ गया है। यह कई शेयरों में तो संस्थागत हिस्सेदारी से भी ज्यादा हो गया है। म्युचुअल फंड जैसे संस्थागत निवेशक इन योजनाओं में बड़ा नियंत्रण रखते हैं और अनुशासित तरीके से निवेश करते हैं।
हालांकि निवेशकों द्वारा गति का पीछा करने के साथ-साथ बाजार में उपलब्ध सीमित फ्री फ्लोट ने कुछ मामलों में मूल्यांकन संबंधित अनिश्चितताएं पैदा की हैं। फंड हाउस ने कहा है कि निफ्टी स्मॉलकैप 250 टीआरआई इंडेक्स पिछले एक साल में करीब 66 प्रतिशत तक चढ़ा है।
फंड हाउस ने कहा है, ‘स्मॉलकैप और मिडकैप सेगमेंट में कुछ शेयर कई गुना बढ़े हैं और मजबूत तेजी ने उन्हें व्यवसाय के उचित मूल्य से पार पहुंचा दिया है। जहां भारत का बाजार पूंजीकरण/जीडीपी 130 रुपये की सर्वाधिक ऊंचाई के आसपास है, वहीं संपूर्ण बाजार पूंजीकरण के मुकाबले स्मॉलकैप का बाजार पूंजीकरण चढ़कर 18.9 प्रतिशत हो गया। ऐतिहासिक तौर पर यह अनुपात 10 रुपये पर रहा है।’
पिछले साल, टाटा एमएफ और निप्पॉन इंडिया एमएफ ने भी स्मॉलकैप फंडों में बढ़ती निवेशक दिलचस्पी के बीच समान सीमाएं लगाई थीं। सभी समयावधियों में शीर्ष पर छाए रहने वाले स्मॉलकैप फंडों में इन दोनों फंडों ने एक साल से इक्विटी आधारित योजनाओं में सर्वाधिक निवेश आकर्षित किया है। कैलेंडर वर्ष 2023 में, स्मॉलकैप योजनाओं ने करीब 40,000 करोड़ रुपये जुटाए, जबकि लार्जकैप और फ्लेक्सीकैप ने सिर्फ 4,500 करोड़ रुपये हासिल किए।
बाजार विश्लेषकों और फंड प्रबंधकों ने बड़ी तेजी के बाद मूल्यांकन चिंताओं को ध्यान में रखकर स्मॉलकैप सेगमेंट पर सतर्कता बरतने की सलाह दी है। ब्लूमबर्ग के आंकड़े से पता चलता है कि निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांक का पीई मल्टीपल मौजूदा समय में 21.7 गुना है जो 17.1 के 5 वर्षीय औसत से काफी ज्यादा है।