Vikran Engineering IPO GMP: विक्रान इंजीनियरिंग आईपीओ अप्लाई करने के लिए शुक्रवार (29 अगस्त) को बंद हो जाएगा। आईपीओ अप्लाई करने के लिए मंगलवार (26 अगस्त) को खुला था। 772 करोड़ के पब्लिक इश्यू को निवेशकों से अब तक अच्छा रिस्पांस मिला है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, विक्रान इंजीनियरिंग के आईपीओ को 28 अगस्त को दूसरे दिन तक 5,87,39,128 शेयरों के मुकाबले 30,76,74,240 शेयरों के लिए बोलियां प्राप्त हुईं। यह 5.24 गुना अधिक सब्सक्रिप्शन है।
आईपीओ नॉन-इंस्टीट्यूशनल निवेशकों (NIIs) के हिस्से को सबसे ज्यादा बोलियां मिली है। इस केटेगरी को अब तक 11.03 गुना अप्लाई किया गया है। वहीं, रिटेल निवेशकों की केटेगरी को 5.23 गुना सब्सक्राइब किया गया है। क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) को 91 प्रतिशत सब्सक्रिप्शन मिला है।
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बाजार की अनऑफिशियल गतिविधियों पर नजर रखने वाले सूत्रों के अनुसार, विक्रान इंजीनियरिंग के नॉन-लिस्टेड शेयर शुक्रवार को ग्रे मार्केट में 109 रुपये पर कारोबार कर रहे थे। यह आईपीओ प्राइस बैंड के अपर एंड 97 रुपये से 12 रुपये या 12.37 प्रतिशत ज्यादा है। ग्रे मार्केट के अनुमानों के अनुसार, अगर यही रुझान रहते है तो निवेशकों को हर लॉट पर 1776 रुपये का मुनाफा मिल सकता है।
विक्रान इंजीनियरिंग आईपीओ का प्राइस बैंड 92 – 97 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। एक लॉट में 148 शेयर हैं। निवेशक कम से कम एक लॉट यानी 148 शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं। इसके बाद की बोली भी 148 के मल्टिपल में ही होगी।
आईपीओ में निवेश के लिए रिटेल निवेशकों को कम से कम ₹14,356 (ऊपरी प्राइस के अनुसार) लगाने होंगे। एक रिटेल निवेशक अधिकतम 13 लॉट यानी 1,924 शेयरों के लिए अप्लाई कर सकता है। इसकी कुल राशि ₹1,86,628 होगी।
आईपीओ अप्लाई करने के लिए शुक्रवार (29 अगस्त) को बंद होगा। शेयरों का अलॉटमेंट सोमवार (1 सितंबर) को किया जा सकता है। विक्रान इंजीनियरिंग के शेयर बुधवार, 3 सितंबर को BSE और NSE पर लिस्ट होंगे। इस इश्यू का रजिस्ट्रार Bigshare Services है। IPO की लीड मैनेजर कंपनियां Pantomath Capital Advisors और Systematix Corporate Services हैं।
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आनंद राठी के एनालिस्ट्स का मानना है कि विक्रान इंजीनियरिंग के पास 2,000 करोड़ रुपये (वित्त वर्ष 2025 के राजस्व का 2 गुना) से ज़्यादा की मज़बूत ऑर्डर बुक है। इससे कंपनी को अगले दो वर्षों में ग्रोथ की संभावना दिखती है। सरकार के जल पुनर्चक्रण पर ज़ोर और बिजली के बुनियादी ढाँचे पर ज़ोर को देखते हुए, कंपनी भविष्य के टेंडरों का फ़ायदा उठाने की अच्छी स्थिति में है। आनंद राठी ने स्केलेबिलिटी, फाइनेंशियल मजबूती और क्षेत्रीय अनुकूल परिस्थितियों का हवाला देते हुए आईपीओ को ‘लॉन्ग टर्म सब्सक्राइब‘ की रेटिंग दी है।