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Upcoming IPOs: भारतीय शेयर बाजार एक फिर IPOs से गुलजार होने वाला है। कई कंपनियां पब्लिक ऑफर लाने के लिए कतार में हैं। ऐसे में अगर आईपीओ के जरिए पैसा बनाने का प्लान कर रहे हैं, तो मार्केट के हर अपडेट पर नजर जरूर रखें। अभी माकेट रेगुलेटर SEBI ने पांच कंपनियों को IPO के जरिए फंड जुटाने के लिए की मंजूरी दी है।
सेबी की ओर से बुधवार को जारी अपडेट के मुताबिक, प्रेस्टीज हॉस्पिटैलिटी वेंचर्स, आनंद राठी शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स, SSF प्लास्टिक्स इंडिया, गुजरात किडनी एंड सुपर स्पेशियलिटी और ईपैक प्रीफैब टेक्नोलॉजीज को यह मंजूरी मिली है। इन कंपनियों ने जनवरी से अप्रैल के बीच अपने ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) सेबी के पास दाखिल किए थे और अब हाल ही में उन्हें नियामकीय अनुमति (observation) मिली है, जो सार्वजनिक निर्गम लाने की अनुमति के बराबर मानी जाती है।
रियल एस्टेट कंपनी प्रेस्टीज एस्टेट्स प्रॉजेक्ट्स की यह यूनिट अपने आईपीओ से ₹2,700 करोड़ जुटाना चाहती है। इसमें ₹1,700 करोड़ के नए इक्विटी शेयरों का इश्यू और ₹1,000 करोड़ के प्रमोटर प्रेस्टीज एस्टेट्स प्रॉजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल है।
आनंद राठी ग्रुप की यह ब्रोकरेज यूनिट पूरी तरह से ₹745 करोड़ तक के नए शेयरों का इश्यू लाएगी। इसमें से ₹550 करोड़ का इस्तेमाल कंपनी की लॉन्ग टर्म वर्किंग कैपिटल जरूरतों और सामान्य कॉर्पोरेट जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाएगा।
इस कंपनी के ₹550 करोड़ के आईपीओ में ₹300 करोड़ के नए इक्विटी शेयरों और ₹250 करोड़ के OFS शामिल होगा। इसमें प्रमोटर और प्रमोटर समूह की कंपनियां भाग लेंगी। फ्रेश इश्यू से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल कर्ज चुकाने, प्लांट व मशीनरी की खरीद के लिए पूंजीगत व्यय और सामान्य कॉर्पोरेट जरूरतों के लिए किया जाएगा।
ईपैक प्रीफैब का आईपीओ ₹300 करोड़ का होगा। इसमें फ्रेश इक्विटी शेयर और प्रमोटरों द्वारा 1 करोड़ शेयरों का OFS शामिल होगा। कंपनी इस फंड का इस्तेमाल राजस्थान के अलवर स्थित घिलोथ औद्योगिक क्षेत्र में नया प्लांट लगाने, आंध्र प्रदेश के मम्बट्टू में मौजूदा प्लांट के एक्सपेंशन, कर्ज चुकाने और सामान्य कॉर्पोरेट जरूरतों के लिए करेगी।
इस हेल्थकेयर कंपनी का आईपीओ पूरी तरह से 2.2 करोड़ फ्रेश इक्विटी शेयर वाला होगा। आईपीओ से मिली रकम का इस्तेमाल अहमदाबाद स्थित पारेख्स हॉस्पिटल के प्रस्तावित अधिग्रहण, पहले से खरीदे गए अश्विनी मेडिकल सेंटर की आंशिक खरीद कीमत चुकाने, वडोदरा में नया अस्पताल स्थापित करने और वहां रोबोटिक उपकरण खरीदने के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, कर्ज चुकाने, इनऑर्गेनिक ग्रोथ और सामान्य कॉर्पोरेट जरूरतों के लिए भी फंड का यूज होगा।