Tata Capital IPO: टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा कैपिटल के इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) को लेकर बाद अपडेट आया है। यह जल्द ही घरेलू बाजारों में दस्तक दे सकता है। बता दें कि टाटा कैपिटल के बोर्ड ने मंगलवार (25 फरवरी) को आईपीओ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।
बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद टाटा ग्रुप की नजरें अब आईपीओ के वैल्यूएशन पर टिकी हुई है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, टाटा ग्रुप अपनी एनबीएफसी कंपनी के पब्लिक इश्यू के लिए 11 बिलियन डॉलर का वैल्यूएशन चाह रहा है। रुपये में कन्वर्ट करने पर यह राशि 96,000 करोड़ रुपये के आस-पास बैठ रही है। अगर ऐसा होता है तो यह साल 2025 में भारत का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि टाटा कैपिटल अपने आईपीओ लिस्टिंग के जरिये 2 बिलियन डॉलर तक जुटाने का टारगेट रख सकती है। हालांकि, यह अभी सिर्फ शुरुआती जानकारी है, जो बदल भी सकती हैं क्योंकि अभी विचार किया जा रहा है।
कंपनी के अनुसार, टाटा कैपिटल अपने आईपीओ के तहत कंपनी 23 करोड़ नए शेयर जारी करेंगे, जबकि मौजूदा शेयरधारक बिक्री प्रस्ताव के जरिये अपने शेयर बेचेंगे। हालांकि, यह अभी नियामक मंजूरी और अन्य प्रासंगिक विचारों के अधीन है।
टाटा कैपिटल्स को भारतीय रिजर्व बैंक के ‘अपर लेयर’ नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFC) नियमों के अनुसार सितंबर 2025 तक स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्ट होना आवश्यक है।
बता दें कि यह दो साल से कम समय में आईपीओ लाने वाली टाटा ग्रुप (Tata Group) की दूसरी कंपनी होगी। इससे पहले 2023 में टाटा ग्रुप की टेक्नोलॉजी कंपनी टाटा टेक्नोलॉजीज अपना आईपीओ लेकर आई थी। यह आईपीओ टाटा ग्रुप की दिग्गज आईटी फर्म टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के 2004 में एक्सचेंजों पर लिस्ट होने के लगभग 20 साल बाद आया था।
टाटा कैपिटल…टाटा ग्रुप की फ्लैगशिप फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी होने के साथ टाटा संस की सब्सिडियरी कंपनी है और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल फर्म (NBFC) है। टाटा कैपिटल 2007 में शुरू हुई थी। यह फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में सर्विसेज और प्रोडक्ट्स की लंबी सीरीज श्रृंखला प्रदान करती है। इसके अलावा कमर्शियल फाइनेंस, कंज्यूमर लोन, वेल्थ सर्विसेज और टाटा कार्ड के डिस्ट्रीब्यूशन और मार्केटिंग समेत अलग-अलग कारोबार सेक्टर में काम करती है।