आईपीओ

Hyundai मोटर को देख आईपीओ लाएंगी कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां

द​क्षिण कोरिया की प्रमुख होम अप्लायंस कंपनी एलजी भी अपनी भारतीय इकाई एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया को सूचीबद्ध कराने की संभावनाएं तलाश रही है।

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समी मोडक   
सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- June 18, 2024 | 10:54 PM IST

यात्री वाहन कंपनी ह्युंडै मोटर कंपनी अपने भारतीय कारोबार को सूचीबद्ध कराने की तैयारी कर रही है। इससे उत्साहित होकर कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपने भारतीय कारोबार को स्टॉक एक्सचेंज पर लाने की सोच सकती हैं।

निवेश बैंकिंग सूत्रों ने कहा कि करीब आधा दर्जन बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ उनकी शुरुआती चरण की बातचीत चल रही है। वे अपनी कीमत बढ़ाने और रकम जुटाने में अपनी मूल कंपनी की मदद करने के लिए भारत में सूचीबद्ध होने जैसे  विकल्पों का आकलन कर रही हैं।

उन्होंने यह नहीं बताया कि किन कंपनियों के साथ उनकी बातचीत चल रही है। मगर उन्होंने संकेत दिया कि ह्युंडै की इस पहल पर अन्य बहुराष्ट्रीय कंपनियों की करीबी नजर है।

ह्युंडै इंडिया के आरं​भिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के लिए काम करने वाले एक निवेश बैंकर ने अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा, ‘आईपीओ के लिए अन्य बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है। भारतीय बाजार अ​धिक मूल्यांकन, जबरदस्त नकदी प्रवाह और सभी प्रकार के निवेशकों तक पहुंच प्रदान करते हैं। ह्युंडै का आईपीओ अन्य संभावित बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आईपीओ के लिए एक कसौटी साबित होगा।’

ह्युंडै मोटर (Hyundai Motor) कंपनी ने पिछले सप्ताह अपनी भारतीय इकाई ह्युंडै मोटर इंडिया में 17.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास निर्गम दस्तावेज जमा कराए थे। कंपनी का आईपीओ 25,000 करोड़ रुपये का होगा जो भारतीय बाजार में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा।

हालिया खबरों में कहा गया है कि द​क्षिण कोरिया की प्रमुख होम अप्लायंस कंपनी एलजी (LG) भी अपनी भारतीय इकाई एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया को सूचीबद्ध कराने की संभावनाएं तलाश रही है।

डीएएम कैपिटल एडवाइजर्स के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ धर्मेश मेहता ने कहा, ‘बाजार में पर्याप्त तरलता है और इसलिए अच्छे मूल्यांकन पर निवेश की काफी गुंजाइश है। इसलिए बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपने भारतीय कारोबार को सूचीबद्ध कराने पर विचार कर सकती हैं।’

भारत में कारोबार करने वाली बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों में रूस की कंपनी नयारा एनर्जी, सैमसंग इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स, आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील और टोयोटा किर्लोस्कर मोटर शामिल हैं। बाजार प्रतिभागियों ने कहा कि 5 लाख करोड़ डॉलर के भारतीय बाजार में पेशकश किया गया मूल्यांकन कोरिया, रूस और यूरोप के मुकाबले करीब 2 से 5 गुना अधिक है।

सेंट्रम कैपिटल के पार्टनर (निवेश बैंकिंग) प्रांजल श्रीवास्तव ने कहा, ‘आम तौर पर बहुराष्ट्रीय कंपनियां और विशेष रूप से प​श्चिमी देशों की बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपने घरेलू बाजार के बाहर सूचीबद्ध होना नहीं चाहती हैं। मगर भारत में अ​धिक मूल्यांकन के मद्देनजर वे इस पर नए सिरे से विचार करने लगी हैं।’

उदाहरण के लिए, टोक्यो में सूचीबद्ध कंपनी सुजूकी मोटर का शेयर एक साल आगे के पी/ई 11 गुना पर कारोबार कर रहा है जबकि उसकी भारतीय इकाई मारुति सुजूकी का शेयर 25 गुना पी/ई पर कारोबार कर रहा है। इसी प्रकार उपभोक्ता वस्तु कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर और नेस्ले इंडिया के मामले में पी/ई उनकी मूल कंपनियों के मुकाबले करीब 3 गुना और 4 गुना है।

भारत का प्रमुख बेंचमार्क निफ्टी सूचकांक एक साल आगे के 22 गुना पी/ई गुणक पर कारोबार कर रहा है। इसलिए देसी बाजार में सूचीबद्ध कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों का मूल्यांकन काफी अ​धिक हो चुका है।

इ​क्विरस के संस्थापक अजय गर्ग ने कहा, ‘वि​भिन्न क्षेत्रों के बीच बहुराष्ट्रीय कंपनियों के शेयर अपने देसी समकक्ष के मुकाबले बेहतर मूल्यांकन पर कारोबार कर रहे हैं। ऐसे में इस अवसर को भुनाना बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए बिल्कुल सही है। अगर भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाती है तो एक व्यापक शेयरधारक परिवेश तैयार करने के लिए किए जा रहे प्रयासों से विदेशी कंपनियों अपनी परिसंप​त्तियों को भुनाने में मदद मिलेगी।’

कुछ विदेशी कंपनियां अथवा शेयरधारक इसी साल अपनी हिस्सेदारी भुना चुके हैं। इसी साल फरवरी में अमेरिकी अप्लायंस कंपनी व्हर्लपूल ने अपनी भारतीय इकाई व्हर्लपूल इंडिया में 24 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 3,881 करोड़ रुपये जुटाए हैं। मार्च में बीएटी पीएलसी ने आईटीसी में अपनी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 16,775 करोड़ रुपये जुटाए थे।

First Published : June 18, 2024 | 10:14 PM IST