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HDB Financial Services IPO: एचडीएफसी बैंक की सब्सिडियरी एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज के शेयरों की आज यानी बुधवार, 2 जुलाई को शेयर बाजार में जबरदस्त एंट्री हुई। कंपनी के शेयर बीएसई और एनएसई, दोनों पर ₹835 पर लिस्ट हुए, जो इसके इश्यू प्राइस ₹740 से करीब 12.84% ज्यादा है।
₹12,500 करोड़ के इस आईपीओ को 25 जून से 27 जून के बीच सब्सक्राइब किया गया था। साइज के मामले में यह भारत का चौथा सबसे बड़ा पब्लिक इश्यू रहा है। इससे ऊपर अब तक केवल ह्युंडई, एलआईसी और पेटीएम के आईपीओ हैं।
आईपीओ को तीन दिन में 17.65 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। 12.33 करोड़ शेयरों के मुकाबले कंपनी को 217.78 करोड़ शेयरों के लिए बिड्स मिले।
HDB फाइनेंशियल सर्विसेज का IPO क्यों ला रही है कंपनी? जानिए पूरा प्लान
IPO का मकसद क्या है?
HDB फाइनेंशियल सर्विसेज ने रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) में बताया है कि इस IPO से जो पैसा आएगा, उसका इस्तेमाल कंपनी अपने टियर-1 कैपिटल बेस को मजबूत करने और आगे के बिज़नेस ग्रोथ के लिए जरूरी फंडिंग जैसे लोन देने में करेगी।
कंपनी के बारे में जानिए
HDB फाइनेंशियल सर्विसेज की शुरुआत साल 2007 में HDFC बैंक की सब्सिडियरी कंपनी के तौर पर हुई थी। क्रिसिल रिपोर्ट के मुताबिक, 31 मार्च 2024 तक ₹90,220 करोड़ के कुल ग्रॉस लोन बुक के साथ यह देश की सातवीं सबसे बड़ी रिटेल फोकस्ड NBFC है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इसे अपर-लेयर NBFC की कैटेगरी में रखा है। कंपनी की मजबूत ओम्नीचैनल नेटवर्क के ज़रिये देशभर में लाखों ग्राहकों तक लोन प्रोडक्ट्स की पहुंच है।
HDB के तीन बड़े बिज़नेस वर्टिकल हैं –
इन वर्टिकल्स के ज़रिये कंपनी अलग-अलग तरह के कस्टमर्स को टारगेट करती है, जिससे उसका बिज़नेस लगातार बढ़ रहा है।