पी-नोट के जरिये निवेश अक्टूबर में घटकर 1.26 लाख करोड़ रुपये पर

ताजा आंकड़ों के अनुसार, इसके जरिये जिन क्षेत्रों में निवेश किया गया, उनमें घरेलू शेयर, बॉन्ड और हाइब्रिड प्रतिभूतियां (शेयर तथा बॉन्ड में मिला-जुला) शामिल हैं।

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भाषा   
Last Updated- November 20, 2023 | 11:25 PM IST

देश में पार्टिसिपेटरी नोट (पी-नोट) के जरिये निवेश अक्टूबर में घटकर 1.26 लाख करोड़ रुपये रहा है। इससे पहले लगातार सात महीने इसमें तेजी थी। ताजा आंकड़ों के अनुसार, इसके जरिये जिन क्षेत्रों में निवेश किया गया, उनमें घरेलू शेयर, बॉन्ड और हाइब्रिड प्रतिभूतियां (शेयर तथा बॉन्ड में मिला-जुला) शामिल हैं।

पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) पी-नोट ऐसे विदेशी निवेशकों को जारी करते हैं, जो स्वयं पंजीकृत हुए बिना भारतीय शेयर बाजार का हिस्सा बनना चाहते हैं।

हालांकि, उन्हें जांच-परख की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इसके जरिये निवेश में अक्टूबर में गिरावट से पहले, वैश्विक स्तर पर अनिश्चित माहौल के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती के साथ मार्च से पी-नोट के माध्यम से निवेश लगातार बढ़ रहा था।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (sebi) के ताजा आंकड़ों के अनुसार भारतीय बाजारों – इक्विटी, बॉन्ड और ‘हाइब्रिड’ प्रतिभूतियों – में पी-नोट निवेश का मूल्य अक्टूबर के आखिर में 1,26,320 करोड़ रुपये था। सितंबर में यह 1,33,284 करोड़ रुपये था, जो छह साल का उच्चस्तर है। यह जुलाई, 2017 के बाद सबसे ज्यादा है। उस समय यह 1.35 लाख करोड़ रुपये था। पी-नोट के माध्यम से निवेश में वृद्धि एफपीआई प्रवाह के रुख के अनुरूप होती है।

जब वैश्विक स्तर पर जोखिम होता है, तो इसके जरिये निवेश बढ़ता है। वहीं वैश्विक परिवेश सही होने पर इसमें कमी आती है।

अक्टूबर तक इसके जरिये गए कुल 1.26 लाख करोड़ रुपये में से 1.18 लाख करोड़ रुपये शेयरों में, 8,055 करोड़ रुपये बॉन्ड/प्रतिभूतियों में और 385 करोड़ रुपये हाइब्रिड प्रतिभूतियों में लगाए गए।

First Published : November 20, 2023 | 7:58 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)