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दीर्घावधि के लिए सोने में कीजिए निवेश

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 12:05 PM IST

कृपया तीन बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले फंडों  के बारे में जानकारी दें जो सीधे तौर पर सोने या सोने की खनन कंपनियों में निवेश करते हैं। अगर मुझे इस महीने योजनाबध्द निवेश योजना (सिप) की शुरुआत करनी हो तो निवेश की समयावधि कितनी होनी चाहिए? -नरसिम्हन एन


वर्तमान में देश में सोने से संबंधित दो तरह के फंड उपलब्ध हैं। एक गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (गोल्ड ईटीएफ) है जो सोने में निवेश करता है। इस तरह के पांच फंड हैं- रिलायंस गोल्ड ईटीएफ, गोल्ड बेंचमार्क ईटीएफ, क्वांटम गोल्ड, यूटीआई गोल्ड ईटीएफ और कोटक गोल्ड ईटीएफ। इन सबों ने लगभग एक जैसा प्रतिफल दिया है। यूटीआई गोल्ड ईटीएफ और बेंचमार्क ईटीएफ फंड लंबी समयावधि वाले हैं और इनके एक साल का प्रतिफल लगभग 48 प्रतिशत का है (9 जुलाई के अनुसार)।

इसके अलावा कुछ ऐसे फंड भी हैं जो सोने की खनन, परिशोधन बौर विपणन से जुड़ी विदेशी कंपनियों में निवेश करते हैं। लेकिन इस श्रेणी के फंडों ने अभी तक एक साल की अवधि पूर्ण नहीं की है। डीएसपीएमएल वर्ल्ड गोल्ड फंड ने 42.31 प्रतिशत का प्रतिफल दिया है (9 जुलाई के अनुसार)। इसे पिछले साल अगस्त में लॉन्च किया गया था।

जबकि एआईजी गोल्ड फंड इस क्षेत्र में काफी नया है, इसे इसी साल मई महीने में लॉन्च किया गया था। उपरोक्त सभी फंड नए हैं इसलिए पिछले प्रदर्शन के आधार पर इनका विश्लेषण करना मुश्किल है। निवेश की अवधि का निर्धारण आप धन संबंधी अपनी जरुरतों और बचत के लक्ष्यों के आधार पर कर सकते हैं। लेकिन आमतौर पर यह सलाह दी जाती है कि आप दीर्घावधि के लिए निवेश करें जो कम से कम 3 से 5 वर्षों का हो।

मैंने कोटक इंडो वर्ल्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के ग्रोथ विकल्प में 50,000 रुपये का निवेश किया है। लेकिन मेरे पोर्टफोलियो में जितने भी फंड हैं उनमें इस फंड का प्रदर्शन सबसे अधिक खराब रहा है। इस फंड से होने वाले घाटे को कम या खत्म करने के लिए मुझे क्या करना चाहिए?  -हेमंत

कोटक इंडो वर्ल्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड को पिछले दिसंबर में लॉन्च किया गया है और यह काफी नया है। लॉन्च होने से अबतक इस फंड ने -41.10 प्रतिशत का प्रतिफल दिया है (9 जुलाई के अनुसार)। इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र के अन्य फंडों की तुलना में इस फंड का प्रदर्शन बहुत बुरा रहा है।

अगर आपने लंबी समयावधि के खयाल से इसमें निवेश किया है तो उसे जारी रखिए क्योंकि कोटक इंडो वर्ल्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड एक इक्विटी आधारित फंड है और ऐसे फंड अल्पावधि में अच्छे प्रतिफल नहीं दे सकते हैं लेकिन लंबी समयावधि में इनका प्रदर्शन बढ़िया हो सकता है। लेकिन अगर आपने अल्पावधि के लिए तुरंत लाभ कमाने की आशा से निवेश किया है तो इस फंड से बाहर हो सकते हैं।

लेकिन याद रखिए कि यह तीन सालररों वाला एक नियतकालिक फंड है। इसलिए तीन साल से पहले इस फंड के यूनिटों को भुनाने पर आपको निकासी प्रभार देना होगा जो अनएमोर्टाइज्ड आरंभिक खर्चे के बराबर होता है। इस श्रेणी में कुछ अच्छे फंड भी है जैसे टाटा इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड, यूटीआई इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड और आईसीआईसीआई प्रूडेन्शियल इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड। आपको इनमें से किसी फंड का चयन करना चाहिए क्योंकि इनका ट्रैक रेकॉर्ड अच्छा है।

ऐसी सलाह दी जाती है कि कम एनएवी वाले फंडों (खास तौर से एनएफओ की अवधि वाले) की जगह वैसे फंडों में निवेश करना चाहिए जिनकी ट्रैक रेकॉर्ड अच्छी हो। इसके अलावा, अगर आप किसी थीमैटिक या सेक्टर फंड में निवेश करते हैं तो आपको अधिक उतार-चढ़ाव झेलने के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि विशाखित इक्विटी फंडों की तुलना में ये ज्यादा जोखिम वाले होते हैं।

कुछ परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियां (एएमसी) योजनाबध्द निवेश योजनाओं (सिप) के साथ बीमा की पेशकश कर रहे हैं। मैं जानना चाहता हूं कि ये किस प्रकार लाभकारी हैं। इसके अलावा कृपया मुझे यह भी बतायें कि एक ही म्युचुअल फंड कंपनी के इक्विटी विशाखित यूनिटों को इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम में बदलने पर मुझे आयकर का लाभ मिलेगा या नहीं?    -संजय

कुछ फंड हाउस ऐसे हैं जो अपनी योजनाओं में सिप के माध्यम से निवेश करने पर जीवन बीमा का भी लाभ देते हैं। इसकी शुरुआत डीएसपीएमएल म्युचुअल फंड द्वारा साल 2005 में सुपर सिप के नाम से की गई थी। इसके अतिरिक्त कुढ अन्य फंड हाउस जैसे बिड़ला सन लाइफ  म्युचुअल फंड, कोटक म्युचुअल फंड और रिलायंस म्युचुअल फंड ने ऐसी ही योजनाएं लॉन्च की हैं। आपको इन योजनाओं के बारे में विस्तार से जान कर यह तय करना चाहिए कि कौन सी योजना आपके लिए उपयुक्त है। उदाहरण के लिए दिशानिर्देश के तौर पर आप निम्लिखित सवाल पूछ सकते हैं-

क्या सिप में किसी निर्धारित न्यूनतम राशि का निवेश करना है?
क्या सिप एक निश्चित अवधि का होना चाहिए?
क्या परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी की सभी योजनाओं में ऐसी सुविधा है या कुछ खास योजनाओं पर?
बीमा की राशि नामित व्यक्ति को दी जाएगी या सिप को जारी रखने के लिए उसका इस्तेमाल किया जाएगा?
क्या बीमा के सभी प्रकार के खर्चों का वहन परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी करेगी?
क्या ऐसी योजना के लिए कोई उम्र-सीमा तय की गई है?

आपके दूसरे प्रश्न का उत्तर हां में है। अगर आप एक ही म्युचुअल फंड कंपनी की किसी योजना से इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम में अपने यूनिटों को निकासी प्रभार का भुगतान करते हुए (अगर लागू होता है तो) स्विच करते हैं तो आपको टैक्स सेविंग योजनाओं पर आयकर का लाभ मिल सकता है।

साल 2007 में मैंने दो ईएलएसएस योजनाओं- एचडीएफसी लॉन्ग टर्म एडवांटेज और एसबीआई मैग्नम टैक्स गेन के लाभांश पुनर्निवेश विकल्प के तहत निवेश किया है। क्या यह बात सही है कि जब तक योजना के तीन लगातार लाभांशों को घोषित नहीं किया जाता तब तक मैं अपने यूनिटों को नहीं भुना सकता? और क्या मैं लाभांश पुनर्निवेश से ग्रोथ विकल्प में अपनी योजना को परिवर्तित करा सकता हूं? अगर हां तो किस प्रकार?  -एससी रावत

सभी टैक्स सेविंग योजनाओं की लॉक-इन अवधि तीन वर्षों की होती है। इसलिए अगर आपने किसी इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम  (ईएलएसएस) में निवेश किया है तो निवेश के समय से तीन वर्ष पूरे होने तक आप पैसे नहीं निकाल सकते हैं। यह शर्त लाभांश के पुनर्निवेश पर भी लागू होती है और इसलिए भुगतान की गई लाभांश की राशि की लॉक-इन अवधि भी तीन वर्षों की होगी।

प्रत्येक निवेश की लॉक-इन अवधि उसके अनुसार होती है जैसा कि योजनाबध्द निवेश योजनाओं के मामले में होता है।  लेकिन अगर आप लाभांश पुनर्निवेश की अपनी आरंभिक च्वाइस को बदलना चाहते हैं और ग्रोथ विकल्प का चयन करना चाहते हैं तो जब चाहे कर सकते हैं क्योंकि इस लेनदेन पर कोई शुल्क नहीं लगता है।

First Published : July 20, 2008 | 10:58 PM IST