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अनिश्चितता के बीच बीमा फर्मों ने शेयर खरीद तेज की

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 8:47 PM IST

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के नेतृत्व में घरेलू बीमा कंपनियों ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा की गई बिकवाली के बीच अपनी इक्विटी खरीदारी तेज की है। पिछले साल नवंबर से घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 1.53 लाख करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदारी की है, जिसमें करीब एक-तिहाई बीमा कंपनियों द्वारा की गई।
बाजार विश्लेषकों के अनुसार, बीमा कंपनियों के प्रवाह में अकेले एलआईसी का करीब 70 प्रतिशत योगदान रहा। इस खरीदारी के साथ साथ म्युचुअल फंडों से प्रवाह नवंबर से 1 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच चुका है, जिससे उतार-चढ़ाव की अवधि के दौरान बाजार की स्थिरता का संकेत मिला है। नवंबर से सूचकांकों मेें करीब 6.5 प्रतिशत की कमी आई है। मैक्स लाइफ इंश्योरेंस में निदेशक एवं मुख्य निवेश अधिकारी मिहिर वोरा ने कहा, ‘जीवन बीमा उद्योग छमाही सा सालाना रिन्यूअल प्रीमियम के तौर पर नियमित प्रवाह के साथ दो अंक की तेजी से बढ़ा है, जिसका एक हिस्सा बाजार में आया है। वर्ष की आखिरी तिमाही में कर बचत को ध्यान में रखते हुए निवेश में तेजी आई है।’  
जीवन बीमा उत्पादों की बिक्री अक्सर सीजनल होती है और इसका करीब दो-तिहाई व्यवसाय वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में आता है। अनुमानों के अनुसार यह उद्योग व्यक्तिगत नए व्यवसाय के सालाना प्रीमियम के संदर्भ में सालाना आधार पर 17 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।
इंडियाफस्र्ट लाइफ इंश्योरेंस में उप मुख्य कार्याधिकारी रुषभ गांधी ने कहा, ‘नवीकृत संग्रह काफी हद तक पिछले साल के मुकाबले बेहतर हैं और बीमा कंपनियों के पास निवेश योग्य कोष पर्याप्त हे। इससे हाल के महीनों में अतिरिक्त निवेश योग्य में तेजी आई है और इसका पिछले 6 महीनों में इक्विटी बाजार के निवेश में बड़ा योगदान रहा है।’
बाजार जानकारों का कहना है कि एलआईसी अपने आईपीओ से पहले आई भारी गिरावट को देखते हुए बाजार को सहारा प्रदान करने के लिए शेयर खरीद बढ़ा सकती है। एनएसई पर सूचीबद्घ कंपनियों में एलआईसी की शेयरधारिता की वैल्यू वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में 9.53 लाख करोड़ रुपये की सर्वाधिक ऊंचाई पर पहुंच गई और इक्विटी के घरेलू संस्थागत परिसंपत्तियों में इसका करीब 30 प्रतिशत योगदान रहा।
पिछले कुछ वर्षों में निजी बीमा कंपनियों ने सुरक्षा और पारंपरिक योजनाओं पर अपना ध्यान बढ़ाया है, जिसका मतलब है 10-20 प्रतिशत का निवेश, हालांकि यूलिप उनकी कुल बिक्री का बड़ा हिस्सा बना हुआ है। यूलिप उत्पादों में परिसंपत्ति आवंटन हरेक ग्राहक के लिए अलग अलग होता होता है, लेकिन शेयर में अक्यर यह लगभग 75 प्रतिशत निवेशित होता है।

First Published : March 11, 2022 | 11:38 PM IST