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भारत का MCap 10 लाख करोड़ डॉलर होगा- Chris Wood

Chris Wood का मानना है कि भारतीय बाजार में सबसे बड़ा जो​खिम यह है कि इसने हाल में बड़ी तेजी दर्ज की है।

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पुनीत वाधवा   
Last Updated- February 23, 2024 | 10:44 PM IST

जेफरीज के विश्लेषक क्रिस्टोफर वुड का मानना है कि भारत इस दशक के अंत तक करीब 10 लाख करोड़ डॉलर का बाजार पूंजीकरण हासिल कर लेगा जो इस समय के 4.3 लाख करोड़ डॉलर की तुलना में करीब 132 प्रतिशत अ​धिक होगा। उनका मानना है कि भारतीय बाजार में सबसे बड़ा जो​खिम यह है कि इसने हाल में बड़ी तेजी दर्ज की है।

जेफरीज में इ​क्विटी स्ट्रैटजी के वै​श्विक प्रमुख क्रिस्टोफर वुड ने निवेशकों को भेजी अपनी ताजा रिपोर्ट ग्रीड ऐंड फियर में लिखा है, ‘खासकर मिडकैप के नजरिये से बाजार महंगा दिख रहा है। निफ्टी मिडकैप 100 सूचकांक अब एक वर्षीय आगामी आय के 25.9 गुना पर कारोबार कर रहा है जबकि निफ्टी के लिए आय का गुणक 20.2 गुना है। फिर भी इन मूल्यांकनों को वृद्धि के नजरिए से देखा जाना चाहिए, जिसको पूंजीगत व्यय चक्र बढ़ने के साथ साथ सरकार द्वारा वित्त पोषित पूंजीगत व्यय से गति मिलेगी।’

दलाल पथ पर मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों ने कैलेंडर वर्ष 2023 में शानदार तेजी दर्ज की थी। एसीई इ​क्विटी के आंकड़े से पता चला है कि निफ्टी स्मॉलकैप 250 सूचकांक 48.1 प्रतिशत चढ़ा जबकि निफ्टी मिडकैप 150 सूचकांक में 43.7 और निफ्टी-50 सूचकांक में 20 प्रतिशत की तेजी आई। वुड की तरह अन्य विश्लेषक भी अब मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंट पर सतर्कता बरत रहे हैं।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज इंस्टीट्यूशनल रिसर्च के वरुण लोचाब और अमित कुमार के अनुसार जनवरी 2024 तक निफ्टी-50 सूचकांक के लिए ताजा पीबी मूल्यांकन औसत ऐतिहासिक मूल्यांकन का 114 प्रतिशत था जिससे इसके महंगे होने का संकेत मिलता है। पिछली बार यह अनुपात वित्त वर्ष 2022 में 100 को पार कर 103 पर पहुंच गया था। तब सूचकांक में बाद के वर्ष यानी वित्त वर्ष 2023 में 1.8 प्रतिशत तक की गिरावट आई ​थी।

इ​क्विटी का दमदार प्रदर्शन

वुड का मानना है कि दीर्घाव​धि के नजरिये से दुनिया की वास्तविक जीडीपी वृद्धि में भारत का योगदान वर्ष 2028 तक 7.7 प्रतिशत पर पहुंच जाएगा। आईएमएफ ने अगले पांच साल में भारत में औसत 6.3 प्रतिशत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि का अनुमान जताया है।

उनका मानना है कि 10 वर्ष के नजरिये से भारत दुनिया में इ​क्विटी के लिहाज से शानदार ​स्थिति में होगा। अपने ए​शिया एक्स-जापान लॉन्ग-ओनली इ​क्विटी पोर्टफोलियो में वुड ने आरआईएल और एचडीएफसी बैंक में हिस्सेदारी एक-एक प्रतिशत अंक तक घटाई है जबकि एसबीआई में इतना ही बढ़ाया है।

First Published : February 23, 2024 | 10:44 PM IST