बोफा सिक्योरिटीज (BofA Securities) का कहना है कि दुनिया भर के फंड प्रबंधक करीब तीन साल में इक्विटी पर सबसे ज्यादा (नवंबर 2021 से) उत्साहित हैं। उनके उत्साह की वजह प्रति शेयर आय (EPS) वृद्धि के बजाय केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है।
बोफा सिक्योरिटीज के सर्वे में शामिल 18 प्रतिशत फंड प्रबंधक भारतीय इक्विटी पर ओवरवेट हैं, हालांकि उत्साह का स्तर मार्च 2025 के स्तरों से घटा है।
बोफा सिक्योरिटीज का कहना है कि मई में वैश्विक फंड प्रबंधकों के पास नकदी का स्तर घटकर 4 प्रतिशत के साथ तीन साल के निचले स्तर पर आ गया है और जनवरी 2022 के बाद से ही शेयरों में आवंटन सबसे ऊंचे स्तर पर है।
बोफा का कहना है कि 642 अरब डॉलर की एयूएम के साथ 245 विश्लेषकों ने 3 मई से 9 मई 2024 के बीच कराए गए सर्वे में हिस्सा लिया। जहां 562 अरब डॉलर की एयूएम वाले 209 प्रतिभागियों ने वैश्विक एफएमएस सवालों का जवाब दिया वहीं 301 अरब डॉलर एयूएम वाले 134 प्रतिभागियों ने क्षेत्रीय एफएमएस सवालों पर राय दी।
बोफा सिक्योरिटीज का कहना है कि 44 प्रतिशत वैश्विक फंड प्रबंधकों के साथ जापान एशिया प्रशांत (एपीएसी) क्षेत्र में इक्विटी बाजारों के लिए इस पसंदीदा सूची में शीर्ष पर रहा। इसके बाद 21 प्रतिशत के साथ ताइवान शामिल है। दूसरी तरफ थाईलैंड, इंडोनेशिया और आस्ट्रेलिया पीएसी क्षेत्र में ऐसे कुछ इक्विटी बाजार हैं, जिन पर वैश्विक फंड प्रबंधक कम उत्साहित हैं और ‘अंडरवेट’ बने हुए हैं।
बोफा सिक्योरिटीज का कहना है, ‘बाजारों में, जापान के बाद ताइवान और भारत पसंदीदा हैं, हालांकि मार्च से भारत की चमक फीकी पड़ रही है।’
इस बीच, प्रमुख भारतीय स्टॉक सूचकांकों ने मार्च 2024 से मिलाजुला प्रदर्शन किया है। एसीई इक्विटी के आंकड़े से पता चलता है कि जहां सेंसेक्स तब से 0.9 प्रतिशत गिरा है, वहीं बीएसई पर मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक क्रम से 6.5 प्रतिशत और 7.8 प्रतिशत मजबूत हुए हैं।
जापान और चीन के इक्विटी बाजार
बोफा सिक्योरिटीज का कहना है कि जापान निवेशकों के लिए पसंदीदा बाजार बना हुआ है। उसका कहना है, ‘फंड प्रबंधकों को लगता है कि इस साल इक्विटी बाजार मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा केंद्रित रहेगा।
हालांकि कॉरपोरेट सुधार और बैंक ऑफ जापान (BOJ) की नीति भी बाजार की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण होगी। चीन का इक्विटी बाजार जनवरी के निचले स्तरों से 28 प्रतिशत ऊपर है।