भारतीय बाजार में सेंसेक्स डेरिवेटिव की दोबारा पेशकश में मिली कामयाबी के बाद बीएसई अपने 30 शेयर वाले इंडेक्स यानी सेंसेक्स को ऑफशोर उतारने की तैयारी कर रहा है। उसका सेंसेक्स घरेलू बाजारों का पर्याय माना जाता है।
घटनाक्रम से वाकिफ सूत्रों ने कहा कि बीएसई की सहायक कंपनी द इंडिया इंटरनैशनल एक्सचेंज (इंडिया आईएनएक्स) को सेंसेक्स 30 डेरिवेटिव सौदों के लिए जुलाई में इंटरनैशनल फाइनैंशियल सर्विसेज सेंटर अथॉरिटी (आईएफएससीए) से मंजूरी मिल गई। गुजरात इंटरनैशनल फाइनैंस टेक इंटरनैशनल फाइनैंशियल सर्विसेज सेंटर (गिफ्ट आईएफएससी) के लिए आईएफएससीए भारत के पहले और एकमात्र वैश्विक वित्तीय केंद्र का एकीकृत नियामक है।
सूत्रों ने कहा कि बीएसई ने व्यापारिक सदस्यों संग जुड़ने और अगले दो से तीन महीनों में संभावित लॉन्च से पहले एक कारोबारी आधार खड़ा करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात और अन्य एशियाई देशों में कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं। इस बारे में जानकारी के लिए बीएसई और आईएफएससीए को भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं मिला।
बाजार के विशेषज्ञों को लगता है कि आईएफएससी में सेंसेक्स डेरिवेटिव से हेजिंग और आर्बिट्रेज कारोबार के लिए व्यापक मौके मिलेंगे क्योंकि भारतीय बाजार में इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है। अभी एनएसई इंटरनैशनल एक्सचेंज (एनएसई आईएक्स) के साथ 60 से ज्यादा ट्रेडिंग मेंबर और 19 क्लियरिंग मेंबर पंजीकृत हैं।
वित्त वर्ष 2023-24 की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक बीएसई ने इंडिया आईएनएक्स में अब तक 162 करोड़ रुपये निवेश किया है जबकि इंडिया इंटरनैशनल क्लियरिंग कॉरपोरेशन में 145 करोड़ रुपये। हालांकि इंडिया आईएनएक्स का सालाना राजस्व वित्त वर्ष 24 में 55.4 लाख रुपये रहा और उसने 54.7 लाख रुपये का नुकसान उठाया।
अभी इंडिया आईनएक्स इंडिया 50 इंडेक्स पर आधारित डेरिवेटिव प्रॉडक्ट्स, गोल्ड फ्यूचर और रुपया-डॉलर फ्यूचर की पेशकश करता है।
सालाना रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 24 में इंडिया आईएनएक्स का नोशनल ट्रेडिंग टर्नओवर 306 अरब डॉलर रहा। इस पेशकश के साथ बीएसई आईएफएससी में नैशनल स्टॉक एक्सचेंज से प्रतिस्पर्धा करेगा जिसका अभी गिफ्ट सिटी में करीब-करीब एकाधिकार है।
पिछले साल जुलाई में एसजीएक्स निफ्टी सिंगापुर एक्सचेंज से गिफ्ट सिटी में एनएसई आईएक्स में आ गया था और इसकी दोबारा ब्रांडिंग गिफ्ट निफ्टी के तौर पर हुई। गिफ्ट निफ्टी का पूरी तरह से परिचालन विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए हुआ ताकि वे अपनी ट्रेडिंग भारत में करें और जोखिम में कमी लाएं।
गिफ्ट निफ्टी का वॉल्यूम काफी ज्यादा बढ़ गया है। अगस्त में इसका मासिक टर्नओवर 100 अरब डॉलर रहा जो अब तक का सर्वोच्च आंकड़ा है। चूंकि ये अनुबंध एक दिन में करीब 22 घंटे ट्रेड किए जाते हैं, ऐसे में गिफ्ट निफ्टी ऑफ-मार्केट अवधि के दौरान वैश्विक घटनाक्रम पर घरेलू बाजार की प्रतिक्रिया की जानकारी देने के लिहाज से लोकप्रिय हो गया है।
यह भारतीय बाजार की ओपनिंग कैसी रहेगी, इसका भी संकेत देता है। मुंबई में इक्विटी और डेरिवेटिव बाजार में कामकाज सुबह 9.15 से 3.30 बजे तक होता है। 18 महीने पहले बीएसई की बाजार हिस्सेदारी मामूली थी जो अब कुल डेरिवेटिव टर्नओवर में 20 फीसदी से ज्यादा हो गई है। इस तरह वह अब एनएसई के प्रतिस्पर्धी के तौर पर उभर रहा है।
उद्योग के प्रतिभागियों ने कहा कि गिफ्ट सिटी में अपनी कामयाबी दोहराने के लिए बीएसई को भी एसजीएक्स और एनएसई जैसी साझेदारी बनानी होगी। दोनों एक्सचेंज गिफ्ट सिटी में सूचीबद्ध होने वाली कंपनियों के लिए भी आपस में प्रतिस्पर्धा करेंगे।
फिलहाल, आईएफएससीए सीधी सूचीबद्धता के लिए नियमों को अंतिम रूप दे रहा है। एक वित्तीय समिट में आईएफएससीए के एक अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को जानकारी दी कि नियामक को घरेलू कंपनियों की दिलचस्पी देखने को मिली है और पहला मसौदा दस्तावेज एक तिमाही के भीतर आ सकता है।