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एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक में गिरावट जारी

Last Updated- December 11, 2022 | 7:43 PM IST

एचडीएफसी बैंक और पैतृक कंपनी हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनैंस कॉर्प (एचडीएफसी) के शेयरों में भारी गिरावट ने दलाल पथ को चौंका दिया है। 4 अप्रैल को अपने विलय की घोषणा के बाद से दोनों शेयरों में करीब 20-20 प्रतिशत की गिरावट आई है और इनका संयुक्त बाजार पूंजीकरण 2.72 लाख करोड़ रुपये तक घट गया है। मंगलवार को एचडीएफसी बैंक में लगातार 9वें दिन कमजोरी दर्ज की गई और यह 3.73 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,343.3 रुपये पर बंद हुआ। इस बीच, एचडीएफसी 5.5 प्रतिशत गिरकर 2,138.7 रुपये पर बंद हुआ।
विश्लेषकों का कहना है कि विलय को लेकर पैदा हुई चिंताओं के कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा भारी निकासी की वजह से गिरावट आई है। इसके अलावा, एचडीएफसी बैंक द्वारा दर्ज कमजोर तिमाही आंकड़ों से भी वृद्घि परिदृश्य को लेकर चिंताएं बढ़ी हैं, और इसे लेकर आशंका पैदा हुई है कि क्या यह शेयर प्राइस-टु-बुक (पी/बी) के संदर्भ में लगातार अच्छी बढ़त बनाए रख सकता है।
पिछले सप्ताह एचडीएफसी बैंक का शुद्घ लाभ 31 मार्च, 2022 को समाप्त तीन महीने की अवधि में सालाना आधार पर 23 प्रतिशत की वृद्घि के साथ 10,055 करोड़ रुपये पर दर्ज किया गया। बैंक ने सालाना आधार पर 21 प्रतिशत की ऋण वृद्घि दर्ज की, लेकिन वह इसे मजबूत शुद्घ ब्याज आय में तब्दील नहीं कर सका। यह आय सालाना आधार पर 10.2 प्रतिशत बढ़ी, लेकिन अनुमानों से तीन प्रतिशत अंक नीचे रही।
ऋणदाता का शुद्घ ब्याज मार्जिन (एनआईएम) 4 प्रतिशत पर दर्ज किया गया, जो तिमाही आधार पर 10 आधार अंक की गिरावट है। कई तिमाहियों में सबसे कमजोर मार्जिन को विश्लेषक अगले दो वित्त वर्षों के लिए आय वृद्घि अनुमानों में कमी का संकेत मान रहे हैं। एनआईएम से उस राशि की मात्रा का पता चलता है जो बैंक जमाओं पर ब्याज में भुगतान के मुकाबले ऋणों पर ब्याज से कमाता है।
नोमुरा ने एक रिपोर्ट में कहा है, ‘एनआईएम (औसत परिसंपत्तियों पर) विपरीत ऋण मिश्रण की वजह से तिमाही आधार पर 10 आधार अंक घटा और प्रबंधन ने वृद्घि और संबद्घ लागत से परहेज करते हुए कारोबार करने पर जोर दिया।’
विश्लेषकों ने इसे लेकर चिंता बढ़ा दी है कि एचडीएफसी के साथ प्रस्तावित विलय से एनआईएम में और कमी आएगी और कोषों की लागत पर दबाव बढ़ेगा।
एलकेपी सिक्योरिटीज में विश्लेषक अजीत कबि का कहना है, ‘एचडीएफसी बैंक में एचडीएफसी के विलय से एचडीएफसी बैंक के कोषों की लागत पर प्रभाव पडऩे का अनुमान है, क्योंकि एचडीएफसी की बैलेंस शीट में 2.8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। कर्ज की लागत एचडीएफसी बैंक की जमाओं की लागत के मुकाबले कम है। इसलिए निवेशकों को एचडीएफसी बैंक का खर्च विलय के बाद बढ़ जाने की संभावना है। वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में एचडीएफसी बैंक ने कमजोर एनआईआई वृद्घि दर्ज की और एनआईएम पर भी दबाव महसूस किया। विलय से एनआईएम में और कमी आ सकती है।’
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि ऊंचे एसएलआर और नकदी आरक्षी अनुपात (सीआरआर) की वजह से विलय वाली इकाई का मुनाफा मामूली तौर पर प्रभावित होने से कुछ चिंताएं जुड़ी हुई हैं।
ताजा गिरावट के बाद, एचडीएफसी बैंक का पी/बी मल्टीपल 6 महीने पहले के 4.4 गुना से घटकर 3.1 गुना रह गया है। वहीं एचडीएफसी के लिए यह 3.3 गुना से घटकर 2.37 गुना रह गया है।

First Published - April 20, 2022 | 1:09 AM IST

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