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10 फंडों पर GIFT City नियामक की सख्ती, सब्सटेंस शर्तों के उल्लंघन पर जांच तेज!

‘सब्सटेंस’ संबंधी शर्तें न्यूनतम मानदंड बताती हैं जिनका पालन इस वित्तीय केंद्र का लाभ का फायदा उठाने के लिए करना जरूरी है।

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खुशबू तिवारी   
Last Updated- December 25, 2024 | 10:05 PM IST

गुजरात इंटरनैशनल फाइनैस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) से संचालित कई फंड प्रबंधन इकाइयां (एफएमई) कथित तौर पर ‘सब्सटेंस’(मूल) की जरूरतों को पूरा करने में विफल रहने के कारण नियामकीय जांच के दायरे में आ गई हैं। सूत्रों के अनुसार इंटरनैशनल फाइनैंशियल सर्विसेज सेंटर्स अथॉरिटी (आईएफएससीए) ने ऐसी इकाइयों को सलाह और चेतावनियां जारी की हैं जिनके बारे में नियामक को संदेह है कि वे केवल अपना कर बोझ कम करने के मकसद से आईएफएससी से परिचालन कर रही हैं। आईएफएससी ने आठ इकाइयों को परामर्श जारी किया है जबकि दो को वास्तविक स्तर पर अधिकारियों की न्यूनतम संख्या और अन्य सीमाओं के उल्लंघन के लिए चेतावनी दी गई है।

‘सब्सटेंस’ संबंधी शर्तें न्यूनतम मानदंड बताती हैं जिनका पालन इस वित्तीय केंद्र का लाभ का फायदा उठाने के लिए करना जरूरी है। अधिकांश वैश्विक फाइनैंशियल हब की खास जरूरतें होती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि गिफ्ट सिटी में कार्यालय खोलने के लिए मूल आवश्यकताएं मॉरीशस और सिंगापुर जैसे अन्य केंद्रों की तुलना में अधिक किफायती हैं।

बॉम्बे लॉ चैम्बर्स में पार्टनर नंदिनी पाठक ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंदों की स्थापना वित्त क्षेत्र की गतिविधियों के लिए विशेष आर्थिक लाभ मुहैया कराने के लिए की जाती है। ‘सब्सटेंस’ शर्तें यह सुनिश्चित करने के लिए लगाई जाती हैं कि कराधान लाभों सहित ऐसे आर्थिक लाभों का दुरुपयोग न हो। गिफ्ट आईएफएससी ने वैश्विक मानकों के अनुरूप सब्सटेंस शर्तों को लागू किया है, व्यावहारिक रूप से स्पष्ट मानकों और स्थापित तौर-तरीकों की कमी के कारण फंडों के लिए इनका अनुपालन करना मुश्किल रहा है।’

सितंबर तक, गिफ्ट सिटी में 128 एफएमई पंजीकृत थीं। हालांकि आईएफएससीए ने कुछ फंडों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है लेकिन उसने उद्योग जगत की प्रतिक्रिया के बाद पंजीकरण से जुड़ी कुछ सख्त शर्तों को भी नरम कर दिया है। आईएफएससीए (फंड मैनेजमेंट) रेग्युलेशंस, 2022 को संशोधित करके ऐसा किया जा रहा है। गिफ्ट सिटी नियामक ने प्रमुख प्रबंधन कर्मियों की नियुक्ति के दौरान पूर्व मंजूरी लेने की जरूरत को खत्म कर दिया है। अब, इकाइयों को नियामक को इसकी सूचना भर देनी होगी।

इसके अलावा, प्रमुख अधिकारियों की शैक्षिक योग्यता और पेशेवर अनुभव को भी नरम बनाया गया है। हालांकि, कर्मचारियों को आईएफएससीए द्वारा निर्धारित संस्थानों से प्रमाणन प्राप्त करना होगा। इस महीने की शुरुआत में बोर्ड बैठक में आईएफएससीए ने नॉन-रिटेल योजनाओं के लिए न्यूनतम राशि को 50 लाख डॉलर से घटाकर 30 लाख डॉलर करने का निर्णय लिया।

आईएफएससीए की एक ताजा विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘योजना के पीपीएम की वैधता (आईएफएससीए द्वारा इसे रिकॉर्ड में लेने के संबंध में) 12 महीने तक बढ़ा दी गई है। इसके अलावा, ओपन-एंडेड योजनाओं के लिए यह निर्णय लिया गया कि निवेश गतिविधियां 10 लाख डॉलर की राशि मिलने पर शुरू हो सकती हैं और 30 लाख डॉलर की न्यूनतम राशि 12 महीने की अवधि के भीतर हासिल करनी होगी।’

First Published : December 25, 2024 | 10:05 PM IST