विश्लेषकों का कहना है कि मौजूदा लोक सभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में 2019 के चुनाव की तुलना में कम मतदान दलाल पथ को चिंतित कर रहा है। देश में आज 18वीं लोक सभा के लिए चौथे चरण का मतदान हुआ।
सोमवार को 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 96 लोक सभा सीटों पर चुनाव हुआ, जिनमें बिहार, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश मुख्य रूप से शामिल हैं।
इस बीच, सेंसेक्स और निफ्टी-50 में करीब एक-एक प्रतिशत की गिरावट आई और इंडिया वीआईएक्स दिन के कारोबार में 14 प्रतिशत से ज्यादा चढ़ गया।
दिलचस्प बात यह है कि चुनाव के पिछले तीन चरणों के अवसरों पर बाजार में समान उतार-चढ़ाव दर्ज किया गया और निफ्टी-50 में ज्यादा अस्थिरता दर्ज की गई। बाजार विश्लेषकों ने इस उतार-चढ़ाव में तेजी के लिए चुनाव में कम मतदान, सत्तारूढ़ सरकार की जीत को लेकर बढ़ती अटकलों को जिम्मेदार बताया है।
इक्विनॉमिक्स रिसर्च के संस्थापक एवं शोध प्रमुख जी चोकालिंगम का कहना है कि अल्पावधि नजरिये से सेंसेक्स और निफ्टी के शेयर अपने मिडकैप और स्मॉलकैप प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले मूल्यांकन के संदर्भ में बेहतर स्थिति में हैं।
उन्होंने कहा, ‘निवेशक मौजूदा चुनाव के परिणाम पर नजर लगाए हुए हैं और 2019 के मुकाबले कम मतदान के बीच सतर्क बने हुए हैं। उनका कहना है कि वे सरकारी स्थायित्व और अगली सरकार द्वारा किए जाने वाले सुधारों को ज्यादा तरजीह देंगे। जहां सेंसेक्स 23.25 गुना के ट्रेलिंग पीई पर कारोबार कर रहा है, वहीं स्मॉलकैप सूचकांक 32.2 गुना और मिडकैप सूचकांक 30.8 गुना पर कारोबार कर रहा है।’
लोक सभा चुनाव 2024 के पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को हुआ था। निफ्टी दिन के कारोबार में 1 प्रतिशत गिर गया था, लेकिन आखिर में यह 0.7 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ। भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) के अनुसार, मतदान 66.14 प्रतिशत रहा, जो 2019 के मुकाबले 4 प्रतिशत अंक तक की गिरावट है।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गौरांग शाह का मानना है कि निवेशकों को उतार-चढ़ाव और दिन के कारोबार में भारी अस्थिरता के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि चुनाव प्रक्रिया के दौरान समाचार प्रवाह तेज बना रहता है।
उन्होंने कहा, ‘बाजारों में स्थिरता के लिए इंडिया वीआईएक्स में उतार-चढ़ाव दूर होना जरूरी है। निवेशकों को अल्पावधि में अस्थिरता के लिए तैयार रहने की जरूरत होगी। मौजूदा स्तरों पर गिरावट अब सीमित दिख रही है। फिलहाल बाजार से दूर रहने और गिरावट पर खरीदारी की सलाह है। बीएफएसआई, सीमेंट, रक्षा, विद्युत, वाहन, एनबीएफसी और एफएमसीजी ऐसे कुछ क्षेत्र हैं, जिन पर मैं उत्साहित हूं।’
विदेशी पूंजी की निकासी
विदेशी निवेशकों ने भी उस समय तक बाजार से दूर बने रहना पसंद किया है, जब तक अगली सरकार को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज में मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार का कहना है कि एफआईआई/एफपीआई द्वारा भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली को बढ़ावा देने का अन्य मुख्य कारक दुनिया के अन्य इक्विटी बाजारों (खासकर चीन) का बढ़ता आकर्षण भी है।