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Equity Mutual Funds: 2024 में इक्विटी म्युचुअल फंडों का दमदार प्रदर्शन, निवेश 144% बढ़कर 3.9 लाख करोड़ पहुंचा

दिसंबर में स्मॉलकैप और मिडकैप फंडों ने रिकॉर्ड निवेश देखा। एसआईपी योगदान 26,459 करोड़ रुपये के नए शिखर पर, निवेशकों का भरोसा और परिपक्वता बढ़ी।

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अभिषेक कुमार   
Last Updated- January 09, 2025 | 11:10 PM IST

दिसंबर में शानदार निवेश के साथ इक्विटी म्युचुअल फंडों (एमएफ) के लिए 2024 अच्छा वर्ष रहा। दिसंबर में 41,156 करोड़ रुपये के शुद्ध प्रवाह के साथ पूरे 2024 में कुल इक्विटी फंड निवेश बढ़कर 3.9 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया जो 2023 के मुकाबले 144 फीसदी ज्यादा है। दिसंबर के आंकड़ों (जो अक्टूबर 2024 के 41,887 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड ऊंचे निवेश से थोड़े ही कम थे) को स्मॉलकैप और मिडकैप फंडों में 9,761 करोड़ रुपये के निवेश से मदद मिली।

भारत में म्युचुअल फंडों के संगठन (एम्फी) के आंकड़ों से पता चलता है कि दिसंबर में करीब 12 नए एनएफओ बंद हुए। सेक्टोरल और थीमेटिक फंड श्रेणी का इक्विटी में 15,332 करोड़ रुपये का योगदान रहा। शेयर बाजार में लगातार तीसरे महीने गिरावट के बावजूद इक्विटी फंडों के निवेश में मामूली वृद्धि हुई। निफ्टी 50 सूचकांक में महीने के दौरान 2 प्रतिशत की गिरावट आई।

मोतीलाल ओसवाल एएमसी के कार्यकारी निदेशक एवं मुख्य व्यावसायिक अधिकारी अखिल चतुर्वेदी ने कहा, ‘फंड उद्योग ने इक्विटी फंडों, खासकर स्मॉलकैप और सेक्टोरल/थीमेटिक फंडों के लिए मजबूत मांग दर्ज की। पूंजी प्रवाह को नई फंड पेशकशों से भी बढ़ावा मिला और पैसिव फंड इसमें आगे बने रहे।’ टाटा एएमसी में मुख्य कारोबार अधिकारी आनंद वरदराजन ने कहा, ‘इक्विटी म्युचुअल फंडों ने सभी श्रेणियों में मजबूत निवेश प्रवाह दर्ज किया है और लगता है निवेशकों ने दिसंबर में बाजार की गिरावट में खरीदारी की।’

दिसंबर में मिडकैप फंडों में निवेश बढ़कर 5,093 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जबकि स्मॉलकैप फंडों में 4,668 करोड़ रुपये के साथ दूसरा सबसे बड़ा मासिक निवेश हुआ। इस निवेश को सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिए 26,459 करोड़ रुपये के निवेश से भी सहारा मिला। एसआईपी निवेश ने 18 महीनों में 17वीं बार नई ऊंचाई को छुआ।

एम्फी के मुख्य अधिकारी वेंकट चलसानी ने कहा, ‘बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद, इक्विटी-आधारित योजनाओं में लगातार मजबूत निवेश आया है जो निवेशकों के भरोसे और लंबी अवधि के लिए निवेश से जुड़े रहने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह नजरिया निवेशकों की बढ़ती परिपक्वता को दर्शाता है। दिसंबर 2024 में एसआईपी योगदान 26,459 करोड़ रुपये के सर्वाधिक ऊंचे स्तर पर पहुंच गया,जो अपने वित्तीय लक्ष्यों के प्रति निवेशकों की मजबूत प्रतिबद्धता बताता है।’

मिरै ऐसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) में डिस्ट्रीब्यूशन ऐंड स्ट्रैटेजिक अलायंसेज की प्रमुख सुरंजना बरठाकुर ने कहा, ‘बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद एसआईपी का आंकड़ा मजबूत बना हुआ है। इससे पता चलता है कि भारत में दीर्घावधि निवेश में छोटे निवेशकों का भरोसा बरकरार है। पिछले एक वर्ष में एसआईपी में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि निवेशकों के मजबूत भरोसे का प्रमाण है।’

डेट फंडों में 1.3 लाख करोड़ रुपये की बिकवाली दर्ज की गई जो हर तिमाही के अंत में देखी जाने वाली प्रवृत्ति के अनुरूप है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट कर भुगतान और अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए संस्थागत निवेशकों की निकासी के कारण हुई है।

First Published : January 9, 2025 | 11:10 PM IST