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Dollar Vs Rupee : रुपये में तीन महीने की सबसे बड़ी एकदिवसीय उछाल

Last Updated- March 03, 2023 | 10:52 PM IST
e commerce in india

डॉलर के मुकाबले रुपये में शुक्रवार को खासी तेजी आई और उसने 11 नवंबर के बाद सबसे बड़ी एकदिवसीय उछाल दर्ज की क्योंकि विदेशी निवेशकों ने डॉलर की बिकवाली की, मुख्य रूप से अदाणी समूह के शेयरों में निवेश के लिए। डीलरों ने यह जानकारी दी।

अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में नरमी से भी भारतीय मुद्रा को मजबूती मिली, जो 3 फरवरी के बाद सबसे मजबूत स्तर पर बंद हुआ।

शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 81.97 पर बंद हुआ, जो गुरुवार को 82.59 पर बंद हुआ था। साल 2023 में अब तक भारतीय रुपये में डॉलर के मुकाबले 0.9 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई है।

गुरुवार को अमेरिकी निवेश कंपनी जीक्यूजी पार्टनर्स ने अदाणी समूह की कंपनियों अदाणी पोर्ट्स और अदाणी ग्रीन एनर्जी आदि के 15,446 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। इस सौदे के बाद अदाणी समूह में 10 फीसदी की उछाल आई।

एचडीएफसी बैंक के कार्यकारी उपाध्यक्ष (ओवरसीज ट्रेजरी) भास्कर पांडा ने कहा, मुख्य रूप से अदाणी के शेयरों में निवेश से रुपये को सहारा मिला, लेकिन मैं अभी रुपये को 82 प्रति डॉलर पर मजबूत होता नहीं देख रहा। रुपये को मोटे तौर पर मार्च में सीजनल वजहों से फायदा मिलता है क्योंकि कॉरपोरेट खाता बंद करते हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि यहां से काफी ज्यादा स्थायी मजबूती नहीं दिख रही। इसकी वजह यह है कि अमेरिकी ब्याज दर अभी भी अनुकूल नहीं है। डॉलर के मुकाबले रुपये का व्यापक दायरा 82-83 होगा।

डीलरों ने कहा, अदाणी शेयरों में निवेश के लिए डॉलर की बिकवाली की पृष्ठभूमि में देसी मुद्रा में काफी तेजी आई, लेकिन कुछ करेंसी डीलरों ने आर्बिट्रेज का भी फायदा उठाया। देसी बाजार में डॉलर की बिकवाली से रुपये की काफी मजबूती आई।

कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के उपाध्यक्ष (करेंसी डेरिवेटिव व ब्याज दर डेरिवेटिव) ए. बनर्जी ने कहा, अगले हफ्ते हाजिर बाजार में डॉलर-रुपये की ट्रेडिंग 81.70 व 82.30 के दायरे में होने की संभावना है।

अमेरिकी मुद्राओं की माप छह अहम मुद्राओं के मुकाबले करने वाला अमेरिकी डॉलर इंडेक्स शुक्रवार को 3.30 बजे नरम होकर 104.77 पर आ गया, जो एक दिन पहले 105.03 पर था। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।

जनवरी के आखिर में 102 पर रहे इस इंडेक्स में पिछले कुछ हफ्तों में काफी मजबूती देखने को मिली है क्योंकि महंगाई व कारोबारी धारणा, फेडरल रिजर्व की तरफ से लगातार ब्याज बढ़ोतरी आदि समेत अमेरिकी आंकड़े सामने आए। उच्च अमेरिकी ब्याज दर से डॉलर में मजबूती आती है, जो उभरते बाजारों की मुद्राओं मसलन रुपये पर दबाव डालता है।

First Published - March 3, 2023 | 10:52 PM IST

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