जेफरीज में इक्विटी रणनीति के वैश्विक प्रमुख क्रिस्टोफर वुड का कहना है कि पिछले सप्ताह अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में तेजी ने निवेशकों को डरा दिया था और मुद्रास्फीति परिदृश्य को देखते हुए इसमें और तेजी आ सकती है।
वुड ने अपने न्यूजलेटर ‘ग्रीड ऐंड फियर’ में लिखा है, ‘अमेरिकी बॉन्ड बाजार में बिकवाली पिछले सप्ताह के दौरान बरकरार रही और इससे मुद्रास्फीति को लेकर आशंका बढ़ गई है। फिर भी, बॉन्ड में बिकवाली की पर्याप्त गुंजाइश है, कयोंकि पिछली बार 5 वर्षीय मुद्रास्फीति की संभावित दर मौजूदा स्तरों (खासकर दिसंबर 2018 के शुरू में) पर थी, और तब 10 तथा 30 वर्षीय बॉन्ड प्रतिफल 2.91 प्रतिशत और 3.17 प्रतिशत पर काफी ऊपर था।’
10-वर्षीय और 30-वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल पिछले सप्ताह 1.34 प्रतिशत और 2.13 प्रतिशत पर बंद हुआ। महीने के शुरू में, 10 वर्षीय बॉन्ड प्रतिफल 1 प्रतिशत पर था और 30 वर्षीय प्रतिफल 1.8 प्रतिशत था। वुड ने कहा कि बॉन्ड कीमतों को फेडरल और उन ‘बॉन्ड तेजडिय़ों’ से मदद मिल सकती है, जो खरीदारी के लिए गिरावट का इस्तेमाल करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि खरीदारी दिलचस्पी आश्चर्यजनक नहीं थी, क्योंकि 1980 के बाद से कई अवसरों पर अमेरिका में कई मुद्रास्फीति अफवाहें झूठी साबित हुईं। इस बार, वुड मुद्रास्फीति संबंधित अनिश्चितता को कोविड के बाद पुन: खुलने की वजह से ‘गंभीर’ मान रहे हैं। वुड ने कहा है, ‘यदि पुन: खुलने पर संभावित मुद्रास्फीति वृद्घि मौद्रिक नीति के अनुरूप नहीं रहती है तो अनिश्चितता में इजाफा होगा, जिससे मुद्रास्फीति दीर्घावधि आधार पर ऊंचाई पर पहुंचना शुरू करेगी।’
उन्होंने कहा कि इस परिदृश्य के लिए एकमात्र जोखिम था नए कोविड वैरिएंट में तेजी, जिसके लिए टीके अप्रभावी साबित हुए। प्रतिफल बढऩे के अलावा, तेल कीमतों पर वुड की भविष्यवाणी से भी भारतीय बाजार में तेजडिय़ों में खलबली मच सकती है। उन्होंने कहा, ‘तेल कीमतें तेजी के संदर्भ में निश्चित तौर पर आश्चर्यचकित करेंगी और ग्रीड ऐंड फियर को तेल कीमतें 100 डॉलर के पार जाने की उम्मीद है। यही स्थिति तांबे के लिए रह सकती है।’
चीन में तेल खपत ने महामारी के बावजूद नई ऊंचाइयों को छुआ है, जबकि भारत में खपत काफी बाद में कोविड से पहले जैसी स्थिति में लौट पाई है।