ब्रोकर संस्था ‘भारतीय राष्ट्रीय एक्सचेंज सदस्यों के संगठन’ (एएनएमआई) ने बाजार नियामक सेबी को लिखे पत्र में कहा है कि बुधवार की तकनीकी गड़बड़ी के संबंध में एनएसई द्वारा समय पर कोई घोषणा नहीं की गई थी, जिससे सदस्यों और निवेशकों (इंट्राडे कारोबारियों समेत) को भारी मौद्रिक नुकसान का सामना करना पड़ा था। एएनएमआई ने गुरुवार को लिखे इस पत्र में कहा, ‘सभी ओपन पोजीशन पीक स्तरों पर बनी रहीं। तकनीकी गड़बड़ी मासिक और साप्ताहिक अनुबंधों की एक्सपायरी से एक दिन पहले हुई। इसलिए इस मामले में गहन जांच कराए जाने की जरूरत है।’
संगठन ने कहा है कि कारोबार बरकरार रखा जा सकता था, क्योंकि समस्या दो सूचकांकों के साथ थी और अन्य सभी चीजें सही तरीके से काम कर रही थीं। तकनीकी खराबी के 45 मिनट बाद भी रिकवरी साइट को ऐक्टीवेट नहीं किए जाने का कारण भी अज्ञात बना हुआ है। ट्रेडिंग पुन: बहाल करने के बारे में जानकारी के अभाव से कारोबारियों में अनिश्चितता पैदा हुई। एएनएमआई ने कहा है, ‘बीएसई पर ऑनलाइन ब्रोकरों द्वारा डर की वजह से की गई बिकवाली को टाला जा सकता था और निवेशकों के बड़े मौद्रिक नुकसान को रोका जा सकता था। यह सब ट्रेडिंग पुन: शुरू करने के समय को लेकर एनएसई से स्थिति स्पष्ट नहीं किए जाने की वजह से हुआ। एनएसई द्वारा सभी कैश पोजीशन ऊंचे डिस्काउंट और बीएसई पर तेजी के साथ निपटने के बाद ही जानकारी दी गई।’
एएनएमआई चाहता है कि एक्सचेंज बुधवार और गुरुवार के सभी ओपन डेरिवेटिव्स पोजीशन और/या कैश के जुर्माना प्रावधानों को माफ करे।