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भारत में कोविड के बाद पुरुषों की तुलना में महिलाओं के नौकरी पर वापस लौटने की दर कम रही: रिपोर्ट

Published by
नूपुर डोगरा
Last Updated- February 22, 2023 | 1:27 PM IST

कोरोना वायरस महामारी के कारण वर्कफोर्स (Workforce) से महिलाओं को साइडलाइन करना या प्राथमिकता के तौर पर न लेना परमानेंट हो सकता है।

इनिशिएटिव फॉर व्हाट वर्क्स टू एडवांस वीमेन एंड गर्ल्स इन द इकोनॉमी (IWWAGE) द्वारा जारी “वीमेन एंड वर्क: हाउ इंडिया फेयर इन 2022” शीर्षक वाली एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड के कारण शुरू हुए ‘वर्क फ्रॉम होम’ के बाद कम महिलाएं ही वापस ऑफिस में लौटी हैं। वहीं, ग्रामीण महिलाओं में बेरोजगारी दर में 1.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि ग्रामीण पुरुषों में 1.2 प्रतिशत की कमी आई।

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) और सेंटर फॉर इकोनॉमिक डेटा एंड एनालिसिस (सीईडीए) के मुताबिक अकेले शहरी भारत (urban India) में 2019 की तुलना में 2021 में महिलाओं के रोजगार में 22.1 फीसदी की कमी आई है।

रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 की तुलना में 2021 के अंत तक ग्रामीण और शहरी भारत दोनों में नौकरी चाहने वाली महिलाओं की संख्या में काफी गिरावट आई थी। जबकि दूसरी तरफ काम की मांग करने वाले पुरुषों की संख्या में भी वृद्धि हुई थी।

भारत में वर्कफोर्स में महिलाओं की भागीदारी की स्पष्ट स्थिति पर बात करने के साथ रिपोर्ट में कामकाजी महिलाओं द्वारा सामना की जाने वाली रोजमर्रा की चुनौतियों को लेकर भी जानकारी साझा की गई है।

उदाहरण के तौर पर IWWAGE के रिसर्चर्स द्वारा NFHS-V संख्या में गहराई से जाने से पता चलता है कि कामकाजी महिलाओं के बीच, Female guilt के कारण पार्टनर के साथ हिंसा की घटनाएं अधिक होती है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 15 वर्ष से ऊपर की महिलाओं और लड़कियों के लिए महिला लेबर फ़ोर्स भागीदारी रेट (FLFPR) 32.5 प्रतिशत जबकि इसी आयु वर्ग के पुरुषों के लिए 77 प्रतिशत है।

रिपोर्ट के अनुसार, जिस तरह पूरे भारत में महामारी का अलग-अलग प्रभाव पड़ा है, उसी तरह महामारी से उबरना भी सबके लिए बराबर नहीं रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब के ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं की वर्कफोर्स में भागीदारी दर (FWPR) 2017-18 और 2020-21 के बीच दोगुनी (9.9 प्रतिशत से 17.9 प्रतिशत) हो गई है, जबकि शहरी क्षेत्रों में इसमें तीन प्रतिशत का मामूली सुधार हुआ है।

ई-श्रम कार्ड पोर्टल पर उपलब्ध जेंडर आधारित अलग-अलग डेटा के माध्यम से इनफॉर्मल सेक्टर की रिपोर्ट के विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि परिधान और डोमेस्टिक हॉउसहोल्ड जैसे कुछ क्षेत्रों में महिलाओं की हिस्सेदारी बहुत ज्यादा है।

First Published : February 22, 2023 | 1:27 PM IST