नीट-यूजी 2024 परीक्षा में पेपर लीक का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच बिहार के चार छात्रों की मार्कशीट सामने आई है, जिन पर परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र हासिल करने का आरोप है। इन चारों में से एक गिरफ्तार छात्र अनुराग यादव ने पुलिस को बताया कि वह कोटा में मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहा था। तभी उसके चाचा सिकंदर यादवेंदु (जिन्हें भी गिरफ्तार किया गया है) ने उसे वापस समस्तीपुर बुला लिया और भरोसा दिलाया कि परीक्षा में वो पास हो जाएगा।
अनुराग का दावा है कि परीक्षा से एक रात पहले उसे कुछ सवाल और उनके जवाब मिल गए थे, जो बाद में परीक्षा में भी आए थे।
परिणामों में हेरफेर का शक!
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) से मिली अनुराग की मार्कशीट में दिखाया गया है कि उसने कुल 720 में से 185 अंक प्राप्त किए, जिसका कुल परसेंटाइल 54.84 है। हालांकि, उसके अलग-अलग विषयों में अंक असामान्य हैं।
उसने फिजिक्स में 85.8 परसेंटाइल और बायोलॉजी में 51 परसेंटाइल हासिल किया, लेकिन कैमिस्ट्री में सिर्फ 5 परसेंटाइल ही प्राप्त कर पाया। रिपोर्ट बताती है कि सवाल पहले से मिलने के बावजूद अनुराग के पास कैमिस्ट्री के जवाब याद करने का पर्याप्त समय नहीं था। उसकी ऑल इंडिया रैंक 10,51,525 और ओबीसी वर्ग में रैंक 4,67,824 है।
सिकंदर यादवेंदु ने पुलिस के सामने कबूल किया कि उसने प्रश्नपत्रों के लिए चार छात्रों को अमित आनंद और नीतीश कुमार से जोड़ा था, जिन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया है। अमित और नीतीश ने कथित तौर पर प्रत्येक छात्र से 30-32 लाख रुपये मांगे थे। हालांकि, लालच में आकर सिकंदर ने प्रत्येक छात्र से कहा कि उन्हें प्रश्नपत्रों के लिए 40 लाख रुपये देने होंगे।
छात्रों के ज्यादा नंबर आने से गहराया शक
अनुराग को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अन्य तीन छात्रों से पूछताछ की गई है। तीनों ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) श्रेणी के हैं। एक छात्र ने 720 में से 300 अंक प्राप्त किए, जो 73.37 प्रतिशत है। हालांकि, इस छात्र के अंक भी चिंताजनक हैं: बायोलाजी में 87.8 प्रतिशत, लेकिन फिजिक्स और कैमिस्ट्री में क्रमशः केवल 15.5 और 15.3 प्रतिशत। अन्य दो छात्रों के स्कोरकार्ड सभी विषयों में बेहतर प्रदर्शन दिखाते हैं। एक ने 720 में से 581 और दूसरे ने 483 अंक प्राप्त किए।
देशभर में हुई परीक्षा में सुरक्षा चूक का पता चला है। परीक्षा के दिन कराई गई एक जांच में पाया गया कि 399 देखे गए परीक्षा केंद्रों में से 186 (46%) केंद्रों में हर परीक्षा कक्ष में दो सीसीटीवी कैमरे, जैसा कि नियम है, नहीं लगे थे। इन कैमरों से लाइव फीड नई दिल्ली स्थित NTA मुख्यालय के केंद्रीय नियंत्रण कक्ष में निगरानी के लिए भेजी जानी चाहिए थी।
इसके अलावा, जांच में शामिल 399 परीक्षा केंद्रों में से 68 (16%) केंद्रों में प्रश्नपत्रों के वितरण तक स्ट्रांग रूम की सुरक्षा नहीं की गई थी। नियमों के अनुसार, प्रश्नपत्रों के वितरण तक स्ट्रांग रूम को सुरक्षित रखना आवश्यक है। साथ ही, 83 केंद्रों पर बायोमीट्रिक इनपुट उन केंद्रों पर तैनात कर्मचारियों से अलग पाया गया।
NEET 2024 विवाद क्या है?
NEET 2024 में, 67 उम्मीदवारों ने 720/720 का परफेक्ट स्कोर हासिल किया। कुछ अन्य ने 718 या 719 स्कोर किया, जिसके बारे में कई लोगों का तर्क था कि परीक्षा की कठिनाई के कारण यह असंभव था।
NTA ने इन हाई स्कोर को कई कारणों का हवाला देते हुए समझाया: जैसे- परीक्षा का पेपर अपेक्षाकृत आसान था, NTA स्टाफ़ और निरीक्षकों की गलतियों और देरी के कारण समय गंवाने वाले छात्रों को अतिरिक्त अंक दिए गए, और एक प्रश्न गलत था। बहरहाल, इसके बावजूद जांच की मांग की गई और अब इस मामले में नित नए खुलासे हो रहे हैं।