facebookmetapixel
सीनियर सिटिजन्स के लिए FD पर 8% तक का ब्याज, ये 7 छोटे बैंक दे रहे सबसे ज्यादा रिटर्नMarket Outlook: विदेशी निवेशकों का रुख, डॉलर की चाल, व्यापक आंकड़े इस सप्ताह तय करेंगे शेयर बाजार की दिशाSMC Bill 2025: क्या घटेगी सेबी की ताकत, निवेशकों को मिलेगा ज्यादा भरोसा? जानिए इस विधेयक की खास बातेंघर बनाने का सपना होगा आसान, SBI का होम लोन पोर्टफोलियो 10 ट्रिलियन पार करेगाMCap: 6 बड़ी कंपनियों का मार्केट वैल्यू बढ़ा ₹75,257 करोड़; TCS-Infosys की छलांगVedanta डिमर्जर के बाद भी नहीं थमेगा डिविडेंड, अनिल अग्रवाल ने दिया भरोसाRailway Fare Hike: नए साल से पहले रेल यात्रियों को झटका, 26 दिसंबर से महंगा होगा सफर; जानें कितना पड़ेगा असरमिनटों में घर बैठे करें Aadhaar-PAN लिंक, नहीं करने पर हो सकती हैं परेशानियां; चेक करें स्टेप्सभारत को AI में विश्व नेता बनाना है, लेकिन सहानुभूति भी जरूरी: Mukesh AmbaniEpstein Files: बड़े नाम गायब क्यों, जेफरी एपस्टीन की असली कहानी कब सामने आएगी?

बीमा कानून में होंगें कई बदलाव, न्यूनतम पूंजी की जरूरत को कम किया जाएगा

Last Updated- December 11, 2022 | 3:42 PM IST

वित्त मंत्रालय देश में बीमा की पहुंच बढ़ाने के लिए बीमा कानूनों में बदलाव पर विचार कर रहा है। इनमें न्यूनतम पूंजी की जरूरत को कम करने का प्रस्ताव भी शामिल है। देश में बीमा पहुंच 2019-20 के 3.76 प्रतिशत से बढ़कर 2020-21 में 4.20 प्रतिशत हो गई है। यह 11.70 प्रतिशत की वृद्धि बैठती है। मुख्य रूप से कोविड-19 महामारी की वजह से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात में बीमा प्रीमियम के प्रतिशत के आधार पर मापी जाने वाली बीमा पहुंच में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 
सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय बीमा कानून, 1938 की व्यापक समीक्षा कर रहा है और क्षेत्र की वृद्धि के लिए कुछ उचित बदलाव करना चाहता है। उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया अभी शुरुआती चरण में है। सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय बीमा कारोबार शुरू करने के लिए न्यूनतम पूंजी की जरूरत को 100 करोड़ रुपये से घटाना चाहता है। न्यूनतम पूंजी की जरूरत को कम करने पर बैंकिंग क्षेत्र की तरह विभिन्न प्रकार की कंपनियां बीमा कारोबार में उतर सकेंगी। सूत्रों ने कहा कि इस प्रावधान को नरम करने से सूक्ष्म बीमा, कृषि बीमा और क्षेत्रीय रुझान वाली बीमा कंपनियां भी बीमा कारोबार में उतर सकेंगी। 

सूत्रों ने बताया कि नए खिलाड़ियों के प्रवेश से न केवल बीमा की पहुंच बढ़ेगी बल्कि इससे रोजगार भी मिलेगा। सरकार ने पिछले साल बीमा कानून में संशोधन करते हुए बीमा कंपनी में विदेशी हिस्सेदारी की सीमा को 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर दिया है। इसके अलावा संसद ने साधारण बीमा कारोबार (राष्ट्रीयकृत) संशोधन विधेयक, 2021 पारित किया है। इससे सरकार किसी बीमा कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को घटाकर इक्विटी पूंजी के 51 प्रतिशत से नीचे ला सकती है। इससे निजीकरण का रास्ता खुलेगा। 

First Published - September 11, 2022 | 6:27 PM IST

संबंधित पोस्ट