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कर बचाने के लिए सुरक्षित जगह को लेकर भ्रांतियां

Last Updated- December 11, 2022 | 5:25 AM IST

हाल में संपन्न हुए जी-20 सम्मेलन के समापन पर जारी विज्ञप्ति में कर चोरी से बचने की जगह(टैक्स हैवेंस) के खिलाफ बयान आने के बाद ओईसीडी ने कर उद्देश्य के लिए सूचना के आदान-प्रदान को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की।
ओईसीडी के एक दशक के कार्य के परिणाम के तौर पर इस रिपोर्ट में कर उद्देश्य के लिए सूचनाओं के आदान-प्रदान के अंतरराष्ट्रीय कार्यान्वयन को स्पष्ट किया गया है। रिपोर्ट में त्रि-स्तरीय टैक्स हैवेंस (जिस देश में कर चोरी होती है या फिर बहुत कम कर लिया जाता है) की सूची तैयार की गई है जिन्होंने कर मानकों को कार्यान्वित किया है या इसके लिए प्रतिबद्ध हैं।
‘टैक्स हैवेंस’ पर मीडिया कवरेज ने इस विवादास्पद मुद्दे पर बहस को एक बार फिर से गरमा दिया है। मेरी नजर में इस मुद्दे की या तो गलत व्याख्या की गई है या फिर देशों की कर संधि नीतियों के संदर्भ में इसे लेकर गलतफहमी है।
‘टैक्स हैवेन’ के लिए ओईसीडी का दृष्टिकोण:
ओईसीडी दृष्टिकोण का अंतर्निहित उद्देश्य कर सूचना के आदान-प्रदान के एक प्रभावी तंत्र को अमल में लाकर अनियमित एंटिटीज (जैसे, हेज फंड) परिचालन का निरीक्षण सुनिश्चित करना है।
यहां पर बिना कर या बेहद कम कर वाले क्षेत्रों द्वारा अपनाई गई कथित तौर पर ‘नुकसानदायक कर प्रणालियों’ पर ओईसीडी के विश्लेषण का जिक्र किया जाना बेहद जरूरी है। ‘प्रोग्रेस इन आइडेंटिफाइंग ऐंड एलिमिनेटिंग हार्मफुल टैक्स प्रैक्टिसेज’ पर इसकी वर्ष 2000 की रिपोर्ट में ‘टैक्स हैवेन’ मानदंडों में आने वाले 35 क्षेत्रों की पहचान की गई।
पिछले दशक में किए गए वर्गीकरण में जी-20 की विज्ञप्ति में इसे तीन सूचियों में वर्गीकृत किया गया है- व्हाइट लिस्ट, ग्रे लिस्ट और ब्लैक लिस्ट। ‘व्हाइट लिस्ट’ में उन देशों को शामिल किया गया है जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय सहमति वाले कर मानकों को कार्यान्वित किया है।
‘ग्रे लिस्ट’ में उन टैक्स हैवेंसवित्तीय ठिकानों को शामिल किया गया है जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय रूप से सहमति प्राप्त मानकों के कार्यान्वयन की प्रतिबद्धता जताई है। ‘ब्लैक लिस्ट’ में कोस्टा रिका, मलेशिया, फिलीपींस और उरुग्वे जैसे उन देशों को जगह दी गई है जिन्होंने इन मानकों पर अमल करने की प्रतिबद्धता नहीं जताई है।
कर सूचना के आदान-प्रदान पर ताजा घटनाक्रम: पिछले कुछ महीनों के दौरान संबद्ध घटनाक्रमों में कुछ खास क्षेत्रों (स्विटजरलैंड, लाइकटेनस्टाइन, लग्जमबर्ग, ऑस्ट्रिया) ने विदेशी अधिकार क्षेत्रों के राजस्व अधिकारियों के साथ कर सूचना के आदान-प्रदान के लिए अपने बैंकिंग गोपनीयता मानकों को आसान बनाए जाने की पेशकश की। स्विस बैंकिंग उद्योग के इतिहास में एक असाधारण घटनाक्रम में यूबीएस ने कर जांच और सूचना गोपनीयता मानकों पर बहस को लेकर यूएस आईआरएस के साथ क्लाइंट डाटा को साझा करने की सहमति जताई थी। 

‘टैक्स हैवेंस’ की गलत व्याख्या

बैकग्राउंड को देखते हुए ‘टैक्स हैवेंस’ पर ताजा बदलाव के लिए व्यापक लक्ष्य सूचना के आदान-प्रदान के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों को कार्यान्वित करना है। चिंताजनक बात यह है कि भारत के संदर्भ में मीडिया और निहित समूहों के विभिन्न वर्गों द्वारा इस दृष्टिकोण को लेकर गलत व्याख्या की गई है।
मेरा मानना है कि ‘टैक्स हैवेंस’ पर सख्ती बढ़ाई जानी चाहिए और जी-20 फोरम अनियमित आर्थिक गतिविधियों को रोकने के लिए एक संपूर्ण दृष्टिकोण है। इन अनियमित आर्थिक गतिविधियों के परिणामस्वरूप ओईसीडी सदस्यों और गैर-ओईसीडी सदस्यों के कर राजस्व को नुकसान पहुंच रहा है। दृष्टिकोण में ओईसीडी सदस्यों के अलावा सरकारों की कर संधि नीति को चुनौती दी गई है।
कर संधि – एक उचित नियोजन का माध्यम
भारतीय संदर्भ में, मॉरीशस और साइप्रस के साथ कर संधियों पर कर अधिकारियों और अदालतों द्वारा बहस की गई है। इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि साइप्रस और मॉरीशस के साथ कर संधियों के तहत ‘लिमिटेशन ऑफ बेनीफिट्स’ के अभाव के साथ पूंजीगत लाभ कर छूट ऑफशोर निवेशकों के लिए उपलब्ध है।
आजादी बचाओ आंदोलन मामले में एक सार्वजनिक याचिका में सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसे लाभ प्रावधानों की वैधता को बरकरार रखा।
(लेखक बीएमआर एडवायजर्स में पार्टनर हैं और यहां व्यक्त विचार उनके निजी हैं।)

First Published - May 4, 2009 | 2:09 PM IST

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