अगस्त महीने में जोरदार बारिश के बाद दक्षिण पश्चिम मॉनसून वापस लौटने की जल्दबाजी में नजर नहीं आ रहा है। मॉनसून की वापसी पश्चिमी राजस्थान से सितंबर के दूसरे सप्ताह से मानकों के मुताबिक शुरू हो सकती है, लेकिन देश के अन्य इलाकों में बारिश की फुहारें जारी रह सकती हैं।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र (एलपीए) बन रहा है, जिसकी वजह से भारत के पश्चिमी इलाकों में तेज बारिश हो सकती है और मॉनसून की वापसी की प्रक्रिया सुस्त रह सकती है।
सामान्यतया दक्षिण पश्चिम मॉनसून की वापसी 17 सितंबर से पश्चिमी राजस्थान से शुरू होती है और अक्टूबर के मध्य तक प्रक्रिया पूरी होती है। लेकिन मौसम विभाग का कहना है कि इस बार सितंबर के मध्य से वापसी शुरू हो सकती है, लेकिन उसके बाद प्रक्रिया अनिश्चित बनी रहेगी क्योंकि कम दबाव के नए क्षेत्र बन रहे हैं और इनकी वजह से और बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, ‘राजस्थान के पश्चिमी इलाके से मॉनसून की वापसी 18 सितंबर को समाप्त हो रहे सप्ताह से शुरू हो सकती है। लेकिन हम यह भी उम्मीद कर रहे हैं कि उसी समय पश्चिमी मध्य बंगाल की खाड़ी पर कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है। ऐसे में मॉनसून की वापसी शुरू हो सकती है, लेकिन हम अभी अध्ययन कर रहे हैं कि वापसी कब पूरी होगी।’
मॉनसून की वापसी में देरी और खासकर मध्य व पश्चिम भारत में बारिश होने से रबी फसलों की खेती बढ़ सकती है, लेकिन अगर बहुत ज्यादा बारिश होती है तो खड़ी खरीफ फसलों को नुकसान हो सकता है। खासकर ऐसी स्थिति में उन फसलों को नुकसान होगा, जिनकी बुआई देरी से हुई है।
मौसम विभाग ने कहा कि नया कम दबाव वाले क्षेत्र से महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल में अगले 4 सप्ताह में भारी बारिश हो सकती है।
महापात्र ने कहा, ‘सितंबर में बारिश सामान्य से ज्यादा हो सकती है। हालांकि सितंबर के दूसरे सप्ताह तक देश के ज्यादातर इलाकों में सामान्य से कम बारिश रहेगी, लेकिन 17 सितंबर के बाद स्थिति ठीक हो जाएगी।’
इस साल दक्षिण पश्चिम मॉनसून जून में औसत से 17 प्रतिशत ज्यादा रहा, जबकि जुलाई में सामान्य से 10 प्रतिशत कम बारिश हुई है। बहरहाल बारिश का प्रसार तेजी से हुआ और कुल मिलाकर अगस्त में सामान्य से 27 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। अगस्त महीने में 31 दिन में 27 दिन के करीब कम दबाव वाला क्षेत्र (एलपीए) रहा। शायद यही वजह है कि अगस्त महीने में कुल मिलाकर दक्षिण पश्चिम मॉनसून का प्रदर्शन 1926 के बाद सबसे बेहतर मासिक प्रदर्शन रहा।
मौसम विभाग को उम्मीद है कि कुल मिलाकर 2020 में दक्षिण पश्चिम मॉनसून दीर्घावधि औसत (एलपीए) का 102 प्रतिशत होने के उसके अनुमान से ज्यादा रहेगा।